खालिस्तानी आतंकी की धमकी के बाद दिल्ली और पंजाब में हवाई अड्डों की सुरक्षा बढ़ी
खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के मुखिया गुरुपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद दिल्ली और पंजाब के हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की नियामक संस्था नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने दिल्ली और पंजाब में हवाई अड्डा संचालकों से आगंतुकों को प्रवेश पास न जारी करने का आदेश दिया है। इसके अलावा भारत ने कनाडा से भी एयर इंडिया के विमानों की सुरक्षा बढ़ाने को कहा है।
BCAS ने अपने आदेश में क्या कहा?
BCAS ने अपने आदेश में कहा, "इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन में अस्थायी हवाई अड्डा प्रवेश पास (TAEP) पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।" TAEP एक प्रकार का टिकट है, जो हवाई अड्डे पर घूमने के लिए लिया जाता है। दिल्ली हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि BCAS का आदेश लागू कर दिया गया है, जो 30 नवंबर तक लागू रहेगा। इसके अलावा पंजाब-दिल्ली के सभी हवाई अड्डों पर सुरक्षा को दोगुना कर दिया गया है।
BCAS ने और क्या निर्देश दिए?
नियामक प्राधिकरण ने कहा कि हवाई अड्डे पर सुरक्षा एजेंसी को अनिवार्य रूप से सेकेंडरी लैडर पॉइंट चेक (SLPC) रखना होगा। इसके आदेश में कहा गया, "पंजाब के 161 हवाई अड्डों पर एयर इंडिया की सभी उड़ानों के लिए 100 प्रतिशत SLPC होना चाहिए।" SLPC प्रोटोकॉल BCAS के निर्देशों पर आयोजित एक अनिवार्य जांच है, जिसके तहत एयरलाइन स्टाफ सदस्यों के लिए यात्रियों की जांच करना अनिवार्य होता है। BCAS ने गृह मंत्रालय को भी अपना आदेश भेजा है।
भारत ने कनाडा से क्या कहा?
एयर इंडिया पर हमले की धमकी के बाद भारत ने कनाडा से एयर इंडिया की उड़ानों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए भी कहा है। इसके अलावा भारत ने कनाडा से धमकी जारी करने के लिए पन्नू के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है।
खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी है विमान उड़ाने की धमकी
खालिस्तानी आतंकी पन्नू का एक वीडियो 4 नवंबर को सामने आया था, जिसमें उसने एयर इंडिया की उड़ानों पर हमले की धमकी दी थी। वीडियो में धमकी देते हुए उसने कहा था, "हम सभी सिखों से 19 नवंबर को एयर इंडिया की उड़ानों में चढ़ने से बचने के लिए कह रहे हैं। इस दिन वैश्विक नाकाबंदी होगी और एयर इंडिया को अनुमति नहीं दी जाएगी।" वह पहले भी भारत और उसके राजनयिकों को धमकी दे चुका है।
न्यूजबाइट्स प्लस
पांडे समिति की सिफारिश पर जनवरी, 1978 में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) में एक सेल के रूप में BCAS को स्थापित किया गया था। 1 अप्रैल, 1987 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत BCAS को एक स्वतंत्र विभाग के रूप में पुनर्गठित किया गया था। BCAS का काम भारत में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई अड्डों पर नागरिक उड़ानों की सुरक्षा के संबंध में मानक निर्धारित करना है।