कई राज्यों में किसानों का प्रदर्शन, मुआवजे और प्याज से निर्यात शुल्क हटाने की मांग
क्या है खबर?
देश के 4 राज्यों, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश, में किसान बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे और प्याज पर निर्यात शुल्क में वृद्धि को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मंगलवार को पंजाब और हरियाणा की अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी गई क्योंकि किसानों ने मुआवजे की मांग को लेकर चंडीगढ़ में विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है।
दूसरी ओर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में प्याज पर बढ़ाए निर्यात शुल्क के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन
किसानों का चंडीगढ़ के परेड ग्राउंड में प्रदर्शन का ऐलान
पंजाब और हरियाणा के किसानों ने बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 17 परेड ग्राउंड में विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है। किसानों को प्रदर्शन के ऐलान से पहले ही हरियाणा के अंबाला और कुरुक्षेत्र में हिरासत में लिया गया।
इसके अलावा चंडीगढ़ में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दोनों राज्यों के बॉर्डर के चेक पोस्ट पर पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
जानकारी
चंडीगढ़ में जुटेंगे 16 संगठनों से जुड़े किसान
उत्तर भारत के 16 किसान संगठनों ने चंडीगढ़ में प्रदर्शन का ऐलान किया है। इनमें किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), भारतीय किसान यूनियन (एकता आजाद), आजाद किसान समिति और भारतीय किसान यूनियन (बेहरामके) सहित अन्य प्रमुख संगठन शामिल हैं।
प्रदर्शन
पंजाब के संगरूर में किसान की मौत
किसानों का दावा है कि उसके कई नेताओं को सोमवार को पंजाब के विभिन्न हिस्सों में हिरासत में लिया गया। सोमवार को संगरूर जिले में ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर एक किसान की मौत हो गई।
कुछ किसान नेताओं की हिरासत को लेकर झड़प में कम से कम 5 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
किसानों ने अपने नेताओं की हिरासत के विरोध में अमृतसर और तरनतारन में कुछ टोल प्लाजा की घेराबंदी भी की थी।
मांग
क्या है प्रदर्शनकारी किसानों की मांग?
पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए किसान केंद्र सरकार से 50,000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग कर रहे हैं।
इन मांगों में फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए 5 लाख रुपये और बाढ़ में मरने वाले किसानों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग प्रमुख है।
उन्होंने एक साल तक सभी ऋण और ब्याज माफ करने की मांग भी की है।
प्याज
महाराष्ट्र में प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाने का विरोध
महाराष्ट्र में केंद्र द्वारा प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क बढ़ाने के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। नासिक में भारत के सबसे बड़े प्याज के थोक बाजार लासलगांव सहित सभी कृषि समितियों ने प्याज की नीलामी अनिश्चित काल के लिए रोक दी है।
समाचार एजेंसी PTI से नासिक के प्याज व्यापारियों के एक संगठन से कहा कि जब तक केंद्र 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क वापस नहीं लेती, तब तक वह और किसान प्याज की नीलामी में हिस्सा नहीं लेगा।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में किसान संघ ने किया प्रदर्शन
मध्य प्रदेश में भी सरकार के प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मंगलवार को भारतीय किसान संघ ने इंदौर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया।
किसान संघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार 15 दिनों के भीतर इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो वह किसान पूरे देश में आंदोलन करेंगे।
राज्य में किसानों ने आज विरोध के चलते कई मंडियों को बंद रखा।
क्या है निर्यात शुल्क
क्या है प्याज के निर्यात शुल्क का मामला?
हाल ही में केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क बढ़ाने का आदेश दिया। इसका उद्देश्य प्याज के बाहरी निर्यात को कम करना और स्थानीय बाजार में प्याज की उपलब्धता को बढ़ावा देना है।
केंद्र ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) को प्याज का बफर स्टॉक 3 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 5 लाख मीट्रिक टन करने को कहा है, ताकि घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहें।