भारत-कनाडा तनाव के बीच पाकिस्तान की ISI ने खालिस्तानी समूहों से की थी मुलाकात - रिपोर्ट्स
क्या है खबर?
भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद में अब कथित तौर पर पाकिस्तान की भी एंट्री हो गई है।
खूफिया सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी ISI के एजेंटों ने वैंकूवर में खालिस्तान समर्थित नेताओं के साथ एक गुप्त बैठक की थी। 5 दिन पहले हुई इस बैठक में कई खालिस्तानी नेता शामिल हुए थे।
इस बैठक में भारत विरोधी एजेंडा फैलाने को लेकर बातचीत हुई है।
बैठक
बैठक में क्या हुआ?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू भी शामिल हुआ था। इस बैठक में कथित तौर पर 'प्लान-K' नामक योजना पर चर्चा हुई।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की ISI कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों के लिए पैसे मुहैया करा रही है। इसका इस्तेमाल लोगों को भारत विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए उकसाने और भारत विरोधी प्रचार के लिए किया जा रहा है।
आतंकी
कनाडा में छिपे हुए करीब 20 खालिस्तानी
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में कनाडा में 20 से ज्यादा खालिस्तानी और गैंगस्टर छिपे हुए हैं। इसे लेकर भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और दूसरी जांच एजेंसियों ने कनाडा को कई बार म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) भेजा, लेकिन कनाडा ने इसका कोई जवाब दिया और न ही जांच में सहयोग किया।
इसी साल भारत ने कनाडा को 9 खालिस्तान समर्थक संगठनों की सूची भी सौंपी थी, जो चरमपंथी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
तनाव
खालिस्तान को लेकर कनाडा और भारत के बीच तनाव
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत सरकार के एजेंट शामिल हो सकते हैं। भारत ने इन आरोपों को बेतुका बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था।
बाद में कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडाई राजनयिक को 5 दिन के भीतर देश छोड़ने को कहा था।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
हरदीप सिंह निज्जर मूल रूप से जालंधर के भर सिंह पुरा गांव का रहने वाला था। कनाडा जाने के बाद उसने प्लंबर का काम भी किया था।
इसके बाद वह खालिस्तानियों के संपर्क में आ गया और धीरे-धीरे उसने कनाडा में खालिस्तान समर्थकों और नेताओं के बीच अपनी पैठ बना ली।
भारत सरकार ने निज्जर को वांछित आतंकी घोषित करते हुए उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। वह कई भारत विरोधी हिंसक घटनाओं में शामिल था।