चेक बाउंस होने पर मिलती है सजा और पेनल्टी, जानें क्या हैं नियम
क्या है खबर?
आज के इस डिजिटल युग में लोग पैसे का लेन-देन डिजिटल माध्यम से करते हैं, लेकिन चेक द्वारा भी पैसे का लेन-देन किया जाता है। चेक पर आज भी लोग भरोसा करते हैं क्योंकि इस माध्यम को बहुत सुरक्षित माना जाता है।
ऐसे में चेक बाउंस होना एक बड़ी कमी है, जिसमें फंसने के बाद आपको कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा या पेनल्टी देनी पड़ेगी।
आइए जानते हैं कि चेक बाउंस होने पर क्या-क्या हो सकता है।
अपराध
अपराध की श्रेणी में आता है चेक बाउंस?
पहले तो आप ये जान लें कि चेक बाउंस के सभी मामले अपराध की श्रेणी में नहीं आते हैं, क्योंकि चेक बाउंस कई कारणों से हो सकता है।
अगर चेक लेनदार चाहे तो पैसों की वजह से चेक बाउंस होना अपराध की श्रेणी में आ सकता है।
वैसे अगर चेक बाउंस होने पर कोई नोटिस मिलता है तो आपके पास पेमेंट करने का 30 दिन का समय होता है। इन 30 दिनों के बाद ही कानूनी कार्रवाई चालू होती है।
पेनल्टी
चेक बाउंस होने पर लगती है पेनल्टी
जैसा ऊपर बताया है कि चेक देनदार के पास पेमेंट करने का 30 दिन का समय होता है।
इसके बाद भी अगर चेक देनदार पेमेंट नहीं करता है तो चेक लेनदार की तरफ से कानूनी नोटिस दिया जाता है, जिसमें 15 दिन के अंदर जवाब मांगा जाता है।
जवाब दाखिल न होने पर चेक देनदार के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 के सेक्शन 138 के तहत केस दायर किया जा सकता है।
जुर्माना और सजा
जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान
अधिनियम की धारा 138 में बताया गया है कि चेक बाउंस होना दंडनीय है। इसके तहत दो साल की सजा या जुर्माना या तो फिर दोनों लग सकता है। इसमें देनदार को ब्याज के साथ रकम चुकानी पड़ सकती है।
वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियम के मुताबिक बैंक चेक देनदार को चेक सुविधा देना बंद कर सकता है।
आपको बता दें कि जहां आप रह रहे होंगे वहीं मामला दर्ज होगा।
जानकारी
90 दिन की होती है चेक वैलिडिटी
जिस दिन देनदार चेक काटता है उस दिन से 90 दिनों तक चेक की वैलिडिटी रहती है। इस अवधि में चेक को डिपॉजिट या विदड्रॉ करना होता है। आपको बता दें कि एक अप्रैल, 2012 से पहले चेक की वैलिडिटी 180 दिनों के लिए थी।