मानव विकास सूचकांक सूची में फिसला भारत, 131वें स्थान पर पहुंचा
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास सूचकांक-2020 की सूची में भारत को दो पायदान का नुकसान झेलना पड़ा है। जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत को 189 देशों की इस सूची में 131वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल वह इस सूची में 129वें स्थान पर था। हालांकि, इस सूची में उसने अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को 23 स्थानों से पछाड़ दिया है।
मानव विकास सूचकांक में इस आधार पर दी जाती है रैंकिंग
बता दें मानव विकास सूचकांक में किसी देश के स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर का मापन किया जाता है। इसमें देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को भी देखा जाता है। इन सबके आंकलन के आधार पर एक देश को रेंक प्रदान की जाती है।
साल 2019 में 69.7 साल आंकी गई है भारत की जीवन प्रत्याशा
मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट 2020 के अनुसार, साल 2019 में जन्मे भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 69.7 साल आंकी गई। इसके उलट भारत कें पड़ौसी देश बांग्लादेश में यह जीवन प्रत्याशा 72.7 साल तथा पाकिस्तान में 67.3 साल आंकी गई। ऐसे में इस मामले में भारत ने दोनों पड़ोसी देशों को पछाड़ दिया है। हालांकि, भारत के अन्य पड़ौसी देश श्रीलंका और चीन इस मामले में भारत से कहीं आगे रहे हैं। उन्होंने पहले 100 में जगह बनाई है।
मानव विकास सूचकांक में पहले पायदान पर रहा है नॉर्वे
रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास सूचकांक सूची में नॉर्वे को पहला स्थान मिला है। इसी तरह आयरलैंड दूसरे, स्विट्जरलैंड तीसरे, हांगकांग चौथे, आइसलैंड पांचवें, जर्मनी छठे, स्वीडन सातवें, ऑस्ट्रेलिया आठवें, नीदरलैंड नवें और डेनमार्क 10वें पायदान पर रहा है। इसी तरह यूनाइटेड किंगडम 13वें, न्यूजीलैंड 14वें, कनाड़ा 16वें, अमेरिका 17वें, जापान 20वें, फ्रांस 26वें, इटली 30वें, संयुक्त अरब अमीरात 31वें, चीन 72वें, मेक्सिको 74वें और श्रीलंका 85वें पायदान पर रहा है।
इन देशों को मिली अंतिम दस में जगह
रिपोर्ट के अनुसार नाइजर को सबसे अंतिम यानी 189वां स्थान मिला है। इसी तरह सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक को 188वां, चाड़ को 187वां, दक्षिण सूडान को 186वां, बुरुंडी को 185वां, माली को 184वां, सिएर्रा लियोन को 183वां, बुरकीना फासो 182वां, मोजाम्बिक को 181वां और इरिटि्रया को 180वां स्थान मिला है। इसी तरह बांग्लादेश को 133वां, म्यांमार को 147वां, नेपाल को 142वां, पाकिस्तान को 154वां और अफगानिस्तान को 169वां स्थान मिला है।
भारत में नजर आए कुपोषण से संबंधित मुद्दे
UNDP की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंबोडिया, भारत और थाईलैंड के बच्चों में स्टंटिंग जैसे कुपोषण से संबंधित मुद्दे नजर आए हैं। यह भी कहा गया है, "भारत में लड़के और लड़कियों को लेकर माता-पिता के व्यवहार में अलग-अलग प्रतिक्रियाओं के साथ-साथ लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा में कुछ खराबी और जलवायु परिवर्तन से जुड़े झटकों की संभावना के परिणामस्वरूप लड़कियों में लड़कों के मुकाबले अधिक कुपोषण हुआ है।"
दूसरे देशों ने किया भारत से बेहतर प्रदर्शन- नोडा
UNDP के रेजिडेंट प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा, "भारत की रैंकिंग में गिरावट का यह मतलब नहीं कि भारत ने अच्छा नहीं किया, बल्कि अन्य देशों ने उससे बेहतर काम किया है।" उन्होंने भारत के कार्बन उत्सर्जन कम करने के प्रयासों की भी सराहना की।
भारत की आय दर्ज की गई है कमी
UNDP की रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर वर्ष 2018 के दौरान भारत में प्रति व्यक्ति आय 6,829 अमेरिकी डॉलर यानी करीब पांच लाख रुपये थी। वर्ष 2019 में यह घटकर 6,681 डॉलर यानी 4.91 लाख रुपये ही रह गई। PPP विभिन्न देशों की कीमतों का पैमाना है। इसमें वस्तु विशेष की कीमतों की तुलना की जाती है, ताकि देशों की मुद्रा की वास्तविक क्षमता का निर्धारण किया जा सके।
सौर ऊर्जा में पांचवें पायदान पर रहा भारत
भारत ने पेरिस समझौते के तहत वर्ष 2030 तक वर्ष 2005 के मुकाबले 30-35 फीसद कार्बन उत्सर्जन कम करने का फैसला किया है। देश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम हुआ है। अप्रैल 2014 में 2.6 गिगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ था, जो जुलाई 2019 तक 30 गिगावाट हो चुका है। इस प्रकार उसने चार साल पहले 20 गिगावाट क्षमता हासिल करने के लक्ष्य को पा लिया है। भारत इस सूची में पांचवें स्थान पर है।