सुरक्षित है 'कोवैक्सिन', 2-8 डिग्री पर किया जा सकता है स्टोर- लैंसेट रिपोर्ट
भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग बहुत ही अहम पड़ाव में चल रही है। देश में शुरू किए गए वैक्सीनेशन अभियान के दूसरे चरण ने भी रफ्तार पकड़ ली है और लोग तेजी से वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। इसी बीच वैक्सीनेश में काम आ रही भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को लेकर बड़ी खबर आई है। साप्ताहिक मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 'कोवैक्सिन' को वायरस के खिलाफ सुरक्षित बताया गया है।
देश में 16 जनवरी से हुई वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत
बता दें कि देश में 16 जनवरी से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' के साथ वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की थी। इसमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगाई जा रही थी। इसके बाद सरकार ने 1 मार्च से दूसरा चरण शुरू कर दिया। वैक्सीनेशन अभियान के तहत अब तक 2,30,08,733 लोगों को खुराक लगाई जा चुकी हैं। सोमवार को 20,19,723 लोगों को वैक्सीन लगाई गई।
तीसरे चरण के ट्रायल में 81 प्रतिशत प्रभावी मिली है 'कोवैक्सिन'
गत बुधवार को भारत बायोटेक ने 'कोवैक्सिन' के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में 81 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया था। कंपनी ने बयान जारी कर कहा था, "वैक्सीन दूसरी खुराक के बाद पूर्व संक्रमण के बिना कोरोना संक्रमण को रोकने में 81 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है। वैक्सीन की प्रभाविकता के लिए आगे का डाटा जुटाने के लिए 130 पुष्ट मामलों पर इसका विश्लेषण किया जाएगा।" उसके बाद लोगों में इसको लेकर बना संशय कम हुआ था।
43 मामलों पर आधारित था पहला अंतरिम विश्लेषण
कंपनी ने कहा था कि पहला अंतरिम विश्लेषण 43 मामलों पर आधारित है। इनमें संक्रमण के 36 मामले प्लेसबो समूह से थे। 25 जगहों पर आयोजित किया गए तीसरे चरण के ट्रायल में 18 से 98 साल तक के 25,800 वॉलेंटियरों को शामिल किया गया है। कंपनी ने आगे कहा था कि टायल में शामिल वॉलेंटियरों में 60 साल से अधिक उम्र के 2,433 और अन्य बीमारियों से ग्रसित 4,533 लोग शामिल थे। वैक्सीन का विस्तृत अध्ययन जारी है।
लैंसेट की रिपोर्ट में 'कोवैक्सिन' को बताया गया है सुरक्षित
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बायोटेक द्वारा विकसित 'कोवैक्सिन' सुरक्षित है और इसके कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दूसरे चरण के परिणामों से किसी वैक्सीन की प्रभाविकता को निर्धारित नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इसकी पूरी प्रभाविकता का पता लगाने के लिए तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल नतीजे जरूरी है।
दूसरे चरण के ट्रायल में वैक्सीन ने दिखाए बेहतर परिणाम
रिपोर्ट में कहा गया है कि 'कोवैक्सिन' के दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में BBV152 ने बेहतर रिजल्ट दिखाया है। इससे पता चला है कि वैक्सीन के शॉट शरीर में कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा बढ़ाने में कारगर हैं। इसी तरह तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए अल्गेल-IMGD फॉर्मूलेशन के साथ 6G का चयन किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के तापमान पर स्टोरेज किया जा सकता है।
वायरोलोजिस्ट फहीम यूनुस ने बताया अच्छी खबर
अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय के अपर चेसापेक हेल्थ में संक्रामक रोगों के प्रमुख फहीम यूनुस ने इस रिपोर्ट को टि्वटर पर शेयर करते हुए इसे अच्छी खबर करार दिया है। उन्होंने लिखा, 'गुड न्यूज, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की फेज 2 के नतीजे लैंसेज में प्रकाशित हुए हैं।वैक्सीन का 380 वॉलेंटियर पर अध्ययन किया गया था। वैक्सीन की दूसरी खुराक 28 दिन पर दी जा सकती है। इसके कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हैं।