वैक्सीनेशन अभियान: सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को कल से लगेगी कोरोना वैक्सीन
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी देश की जंग एक कदम और जीत की ओर बढ़ गई है। देश में चलाए जा रहे मेगा वैक्सीनेशन अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार से हो गई। इसमें पहले 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इसी बीच खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को मंगलवार से वैक्सीन लगाई जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन लगवाकर की दूसरे चरण की शुरुआत
वैक्सीनेशन अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' लगवाकर की। इस दौरान उन्होंने पात्र लोगों से आगे बढ़कर वैक्सीन लगवाने तथा देश को कोरोना मुक्त बनाने में सहयोग करने की अपील की है। इसी तरह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने चेन्नई स्थित मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन लगवाई। इसी तरह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी वैक्सीन लगवाई है।
सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश और उनके परिवार वालों को कल से लगेगी वैक्सीन
वैक्सीनेशन अभियान के दूसरे चरण तहत सरकार ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान और सेवानिवृत्त न्यायाधीश और उनके परिवार वालों को मंगलवार से वैक्सीन लगाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही वैक्सीन लगने का इंतजाम किया है। वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया को-विन प्रणाली के माध्यम से की जाएगी। हालांकि, सभी न्यायाधीश और उनके परिवार वाले किसी भी पंजीकृत अस्पताल में जाकर भी वैक्सीन लगवा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों को नहीं मिली वैक्सीन का चुनाव करने की सुविधा
सरकार की ओर सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों के लिए वैक्सीन लगाने की घोषणा करने के दौरान उन्हें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' में एक वैक्सीन चुनने की छूट देने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि न्यायाधीशों को यह छूट नहीं दी जाएगी। न्यायाधीश और उनके परिजन संबंधित केंद्र पर उपलब्ध वैक्सीन ही लगवा सकेंगे। वैक्सीन चुनने की छूट वाली सूचना गलत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार देना होगा शुल्क
स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और उनके परिवार वालों को वैक्सीन लगवाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित की किया शुल्क देना होगा। इसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है। बता दें कि सरकारी केंद्रों पर तो लोगों को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी और निजी केंद्रों पर शुल्क का भुगतान करना होगा। निजी केंद्र वैक्सीन लगाने के लिए 250 रुपये से अधिक शुल्क नहीं वसूल सकेंगे।
को-विन पोर्टल पर कराया जा सकता है पंजीयन
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि दूसरे चरण में वैक्सीन लगवाने के इच्छुक लोगों को-विन (Co-Win) ऐप की जगह को-विन पोर्टल http:/cowin.gov.in पर पंजीयन कराना होगा। दूसरे चरण में को-विन ऐप का उपयोग केवल प्रशासनिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा। बता दें कि सोमवार को को-विन ऐप पर पंजीयन कराने के दौरान OTP जनरेट नहीं हो रहा था। इससे लोगों को परेशानी हो रही थी। इसके बाद सरकार ने स्थिति स्पष्ट की थी।
इन्होंने भी लगवाई वैक्सीन
दूसरे चरण में केंद्रीय मंत्री डॉ जीतेंद्र सिंह ने दिल्ली AIIMS पहुंचकर वैक्सीन लगवाई। इसी तरह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' लगवाकर लोगों की इसके सुरक्षित होने का संदेश दिया। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी वैक्सीन लगवाई है।