कपल ने गलती से कचरे में फेंक दिये 14 लाख रुपये, जानें फिर क्या हुआ
क्या है खबर?
आज के जमाने में पैसा बहुत महत्वपूर्ण है। इसे पाने के लिए लोग तरह-तरह के काम करते हैं।
कई लोग अच्छाई के रास्ते पर चलकर पैसा कमाते हैं तो कई लोग बेईमानी से पैसा कमाते हैं।
भले ही आज के समय में पूरी दुनिया को पैसे के लिए मारा-मारी है, लेकिन एक रीसाइकलिंग सेंटर ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए एक कपल द्वारा गलती से कचरे में फेंके हुए 14 लाख रुपये लौटा दिए।
मामला
घर की सफाई के दौरान गलती से फेंक डाले थे 14 लाख रूपये
यह मामला इंग्लैंड के सोमरसेट का है, जहां एक कपल ने घर की सफाई के दौरान एक बक्से को कचरा समझकर बाहर फेंक दिया, लेकिन उनके होश तब उड़े, जब उन्हें पता चला कि उस बक्से में 14 लाख रुपए की नकदी थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह दंपति एक मृतक रिश्तेदार के घर की सफाई कर रहे थे, जिस दौरान उनको कई पुराने बक्से मिले थे, जिन्हें वो मिडसोमेर नॉर्टम के रीसाइकलिंग सेंटर पर दे आए।
जांच
CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने की जांच-पड़ताल
इसके बाद जब रीसाइकलिंग सेंटर के कर्मचारियों ने बक्सों को रिसाइकिल करने के लिए जांच की तो उनमें से एक में 15,000 पाउंड यानी लगभग 14 लाख रुपये नगद मिले।
फिर रीसाइकलिंग सेंटर के कर्मचारियों ने तत्काल पुलिस को इस मामले की सूचना दी।
पुलिस ने रीसाइकलिंग सेंटर के CCTV फुटेज के आधार पर उस कार का नंबर निकाला, जिसमें ये बक्से आए थे। इस जानकारी के आधार पर पुलिस कपल के घर तक पहुंच गई।
पूछताछ
पुलिस ने कपल को लौटाया पैसों से भरा बक्सा
मामले की जांच के लिए पुलिस ने कपल के घर पहुंचकर उनसे पूछताछ की।
तब कपल ने बताया कि जिस रिश्तेदार के यहां वे सफाई करने गए थे, उन्हें पैसे छुपा कर रखने की आदत थी। पहले भी पता चला था कि वे इसी तरह पैसों को सबसे छुपा कर रखते हैं।
इस पूछताछ के बाद पुलिस जब कपल के बात से संतुष्ट हो गई तो उन्होंने पैसों से भरा बक्सा कपल को लौटा दिया।
फेसबुक पोस्ट
पुलिस ने कर्मचारियों की ईमानदारी को सराहा
सोमरसेट पुलिस ने इस मामला को फेसबुक पर भी शेयर किया है।
फेसबुक के जरिए पुलिस ने रिसाइकिल सेंटर के कर्मचारियों की उनकी ईमानदारी के लिए सरहाना की है।
पुलिस द्वारा शेयर किए गए पोस्ट में लिखा था कि कर्मचारियों की ईमानदारी के बिना इस मामले को सुलझा पाना असंभव था क्योंकि उनकी ईमानदारी के बिना मालिक को अपने रुपयों के बारे में कभी पता नहीं चलता और पुलिस भी असली मालिक तक रुपये नहीं लौटा सकती थी।