FATF की ग्रे सूची में बना रहेगा पाकिस्तान, आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करना पड़ा महंगा
क्या है खबर?
अंतरराष्ट्रीय आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर पड़ोसी देश पाकिस्तान को फिर से बड़ा झटका लगा है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने शुक्रवार को पाकिस्तान को आगामी अक्टूबर तक अपनी ग्रे सूची में बरकरार रखा है।
FATF का कहना है कि पाकिस्तान के लिए बनाई गई 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को वह पूरी तरह लागू करने में विफल रहा है। खासकर आतंक के वित्तपोषण की जांच और आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने में असफल रहा है।
जानकारी
क्या है FATF?
FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए दूसरों खतरों को रोकने के लिए कानूनी और दूसरे कदम उठाना है। यह मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और हथियारों के प्रसार को रोकने सिफारिशें देती है।
पृष्ठभूमि
FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में किया था ग्रे सूची में शामिल
बता दें कि FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रेस सूची में शामिल किया था। इसके बाद अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुए FATF के रिव्यू के दौरान भी पाकिस्तान को कोई राहत नहीं मिल पाई थी।
उस दौरान पाकिस्तान को 2019 के अंत तक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई की योजना को लागू करने को कहा था, लेकिन वह 27 सूत्रीय सूची के महत्वपूर्ण बिंदू पर आवश्यक कार्रवाई नहीं कर पाया।
बैठक
FATF ने आभासी बैठक में लिया पाकिस्तान पर निर्णय
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार FATF की आभासी बैठक में पाकिस्तान को ग्रे सूची में बरकरार रखने का निर्णय किया गया है।
FATF के अध्यक्ष मार्कस प्यलेर ने कहा कि पाकिस्तान के आतंक के वित्तपोषण और आतंकियों पर ठोस कार्रवाई नहीं करने से वह फिलहाल निगरानी के अधीन रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने पहले की अपेक्षा कार्रवाई में प्रगति की है, लेकिन अभी भी उसे 27 में से एक महत्वपूर्ण बिंरू पर कार्रवाई करनी है।
उम्मीद
FATF ने पाकिस्तान द्वारा जल्द ही शेष बिंदू पर कार्रवाई करने की जताई उम्मीद
अध्यक्ष प्यलेर ने कहा, "पाकिस्तान ने 27 बिंदुओं वाले एक्शन प्लान के 26 बिंदुओ पर अच्छा काम किया है, लेकिन एक अहम बिंदु उसे अभी काम करने की जरूरत है। जिसमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना शामिल है।"
उन्होंने आगे कहा, "FATF पाकिस्तान को प्रोत्साहित करता है कि वह जल्द से जल्द एक शेष आतंकवादी वित्तपोषण (CFT ) से संबंधित कमी को पूरा करने के लिए कार्य जारी रखेगा।"
कार्रवाई
आतंकियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करे पाकिस्तान
FATF ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित किए गए आतंकी जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी जैसे आतंकियों के खिलाफ प्रभावी और निर्णायक कार्रवाई करना चाहिए। ये आतंकी भारत में भी वांछित है।
FATF ने कहा कि पाकिस्तान के पास आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रणाली होनी चाहिए। इसके बाद अगली बैठक में पाकिस्तान पर कोई निर्णय किया जाएगा।
जानकारी
पाकिस्तान ने दिए इन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत
बैठक में पाकिस्तान ने संकेत दिए हैं कि वह FATF द्वारा नामित आठ आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रहा है। इन संगठनों में तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट शामिल है।
सुझाव
FATF ने पाकिस्तान को दिए अहम सुझाव
FATF ने कहा कि पाकिस्तान को दिखाना चाहिए कि वह गैर-वित्तीय व्यापार और क्षेत्रों से जुड़े विशिष्ट जोखिमों के अनुरूप ऑन-साइट और ऑफ-साइट पर्यवेक्षण कर रहा है। जिसमें आवश्यक होने पर उचित प्रतिबंध लागू करना शामिल है।
इसी तरह उसे आतंकी वित्तपोषण के मामलों की जांच और कार्रवाई में भी इजाफा करना चाहिए। इसके अलावा आतंकियों की संपत्ति की भी जब्ती या कुर्की जैसे कदम उठाने चाहिए। इसका उसे लाभ मिलेगा।
आरोप
पाकिस्तान ने भारत पर लगाया था राजनीतिक हित साधने का आरोप
FATF की बैठक में शामिल चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत में चीन को छोड़कर शेष चारों देशों ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को लेकर किए गए काम पर असंतुष्टि जाहिर की थी।
हालांकि, चीन ने पाकिस्तान को बचाने के लिए पूरा जोर लगाया था, लेकिन सफलता नहीं मिली।
इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया था कि भारत इस मंच का उपयोग राजनीतिक हित साधने के लिए कर रहा है।