डबल म्यूटेंट समेत कोरोना वायरस के तमाम वेरिएंट्स को निष्क्रिय करने में कामयाब रही कोवैक्सिन
क्या है खबर?
भारत की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सिन' कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट वेरिएंट के खिलाफ कारगर है और इसे निष्क्रिय करने में सफल रही है। इसे विकसित करने में मदद करने वाली भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने आज बयान जारी करते हुए यह बात कही।
उसने कहा कि कोवैक्सिन भारत में पाए गए डबल म्यूटेंट वेरिएंट के अलावा अन्य देशों में पाए गए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स को निष्क्रिय करने में भी सफल रही है।
ट्वीट
ICMR ने कल्चर किए सभी महत्वपूर्ण वेरिएंट्स, सभी के खिलाफ कारगर रही कोवैक्सिन
ICMR ने ट्वीट किया, 'ICMR के अध्ययन में सामने आया है कि कोवैक्सिन SARS-CoV-2 के कई वेरिएंट्स को निष्क्रिय कर देती है और डबल म्यूटेंट को भी प्रभावी तरीके से निष्क्रिय कर देती है।'
ICMR कोरोना के B.1.1.7 (UK), B.1.1.2.8 (ब्राजीली) और B.1.351 (दक्षिण अफ्रीकी) वेरिएंट्स को पहले ही आइसोलेट और कल्चर कर चुका था और अब उसने भारत के डबल म्यूटेंट वेरिएंट B.1.617 को भी आइसोलेट और कल्चर कर लिया।
कोवैक्सिन इन सभी को निष्क्रिय करने में कामयाब रही।
नया वेरिएंट
क्या है भारत का डबल म्यूटेंट वेरिएंट?
5 अक्टूबर को पहली बार भारत में सामने आए कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट वेरिएंट में E484Q और L452R नामक दो अहम म्यूटेशन हुए हैं। ये दोनों वायरस की स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं जिसकी मदद से वायरस शरीर की कोशिकाओं से जुड़कर अपनी संख्या बढ़ाता है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी और अधिक भीषण लहर के पीछे इसे एक अहम कारण माना जा रहा है और महाराष्ट्र के 61 प्रतिशत सैंपलों में इसे पाया गया है।
चिंता
क्यों चिंता का कारण है नया वेरिएंट?
यूं तो वायरसों में म्यूटेशन होना आम है, लेकिन डबल म्यूटेशन अक्सर इसके व्यवहार को बदल देते हैं और यही देश में पाए गए कोरोना के डबल म्यूटेंट वेरिएंट से संबंधित चिंता का कारण है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ऐसे म्यूटेशन अक्सर इम्युनिटी को चकमा देने में कामयाब होते हैं और वायरस को पहले से अधिक संक्रामक बना देते हैं।
इस वेरिएंट के साथ भी यही खतरा है और इसलिए कोवैक्सिन का इसे निष्क्रिय करना राहत देने वाला है।
तकनीक
कोरोना वायरस को निष्क्रिय करके बनाई गई है कोवैक्सिन
बता दें किICMR ने भारत बायोटेक के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है।
इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की।
लगभग 26,000 लोगों पर हुए तीसरे चरण के ट्रायल में इसे 81 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
जानकारी
कोवैक्सिन के वेरिएंट्स के खिलाफ काम करने की संभावना ज्यादा
चूंकि इसे पूरे के पूरे कोरोना वायरस को निष्क्रिय करके बनाया गया है, इसलिए इसके वायरस के नए वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर होने की संभावना अन्य वैक्सीनों के मुकाबले ज्यादा हैं जो स्पाइक प्रोटीन के आधार पर बनाई गई हैं।
कोरोना का कहर
देश में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है जो पहली लहर से अधिक खतरनाक है। मंगलवार को देश में 2,95,041 नए मामले सामने आए और 2,023 मरीजों की मौत हुई। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,56,16,130 हो गई है और 1,82,553 मरीजों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या रिकॉर्ड 21,57,538 हो गई है।