कोरोना वायरस वैक्सीन के वितरण में लगेगा एक साल तक का समय- केंद्र सरकार
भारत के सभी लोगों तक कोरोना वायरस की वैक्सीन पहुंचाने में एक साल तक का समय लग सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भेजी गई अपनी एडवाइजरी में ये बात कही है। मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में समूहों के क्रम में वैक्सीन लगाए जाने की बात भी कही है और सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। राज्य सरकारों को वैक्सीन के वितरण के लिए कार्डिनेशन समिति बनाने को भी कहा गया है।
केंद्र ने कहा- राज्यों और जिलों के स्तर पर एडवाइजरी तंत्र बनाने की जरूरत
अपनी एडवाइजरी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "पूरी संभावना है कि कोविड-19 वैक्सीन लगाने में एक साल तक का समय लगेगा और स्वास्थ्यकर्मियों से शुरू कर समूह के क्रम में इन्हें लगाया जाएगा। इसलिए कोविड-19 वैक्सीन के वितरण की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करने के लिए राज्यों और जिलों के स्तर पर मजबूत एडवाइजरी और कोर्डिनेशन तंत्र बनाने की जरूरत है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन समेत अन्य स्वास्थ्य प्रक्रियाओं में कम से कम व्यवधान सुनिश्चित करने की भी जरूरत है।"
शुरूआत में सीमित मात्रा में उपलब्ध होंगी वैक्सीन की खुराकें- एडवाइजरी
मंत्रालय ने शुरू में वैक्सीन की सीमित खुराकें उपलब्ध होने की बात कहते हुए लिखा है, "ये अनुमान लगाया जा रहा है कि भारी मांग को देखते हुए शुरूआत में वैक्सीन की आपूर्ति सीमित होगी, इसलिए सामाजिक-जनसांख्यिकीय समूहों के आधार पर वैक्सीनेशन की प्राथमिकता तय की जाएगी और इसके बाद बाकी समूहों को वैक्सीन लगाई जाएगी।" वैक्सीन के वितरण को प्रभावित कर सकने वाली अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए सोशल मीडिया पर निगरानी रखने को भी कहा गया है।
मंत्रालय ने दी ये समितियां बनाने की सलाह
मंत्रालय ने वैक्सीन के वितरण के मार्गदर्शन के लिए राज्यों को मुख्य सचिव के नेतृत्व में राज्य संचालन समिति (SSC), अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में राज्य टास्क फोर्स (STF) और जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला टास्क फोर्स (DTF) बनाने की सलाह दी गई है। SSC वैक्सीन वितरण के लिए कोल्ड चैन, ऑपरेशन और कम्युनिकेशन प्लानिंग, दूरगामी इलाकों तक वैक्सीन पहुंचाने और राज्य विशेष अन्य चुनौतियों से निपटने की तैयारियों की समीक्षा भी करेगी।
इस तरीके से हर व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाने की योजना
बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन के वितरण को लेकर कार्य कर रही विशेषज्ञों की एक समिति ने हाल ही में इसके लिए एक रोडमैप तैनात किया था। इसमें चुनाव में मतदान बूथ की तर्ज पर स्कूलों में कैंप लगाने की बात कही गई थी। इसके अलावा लोगों को SMS कर उन्हें वैक्सीन लगने की तारीख और समय बताने और खुराक के बाद डिजिटल सर्टिफिकेट देने की योजना भी बनाई गई है।
अपने स्तर पर वैक्सीन की खरीद करेगी केंद्र सरकार
कोरोना वायरस की वैक्सीन आने के बाद केंद्र सरकार अपने स्तर पर इसकी खरीद करेगी और राज्यों को सीधे वैक्सीन की कोई खरीद न करने को कहा गया है। केंद्र सरकार राज्यों और जिलों के नेटवर्कों जरिए प्राथमिक समूहों तक वैक्सीन पहुंचाएगी और इस पूरे कार्यक्रम को 'विशेष कोरोना प्रतिरक्षण कार्यक्रम' नाम दिया गया है। ॉ केंद्र ने राज्यों के साथ मिलकर 30 करोड़ प्राथमिक समूहों की पहचान करना भी शुरू कर दिया है जिन्हें सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी।
भारत में तीन वैक्सीनें इंसानी ट्रायल में
गौरतलब है कि अभी भारत में कोरोना वायरस की तीन वैक्सीनें इंसानी ट्रायल में चल रही हैं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्सीन इस रेस में सबसे आगे है। भारत में कोविशील्ड के नाम से जानी जाने वाली इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इसके अलावा भारत बायोटेक की वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल शुरू होने जा रहा है, वहीं जायडस कैडिला की वैक्सीन ट्रायल के दूसरे चरण में है।