केंद्र सरकार ने तोड़ा कानून, GST मुआवजे के फंड का किया कहीं और इस्तेमाल- CAG रिपोर्ट
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मोदी सरकार ने सेवा एवं वस्तु कर (GST) को लेकर कानूनों का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 2017-18 और 2018-19 में राज्यों को राजस्व के घाटे की पूर्ति के लिए GST मुआवजे के तौर पर दिए जाने वाले 47,272 करोड़ रुपये का कहीं और इस्तेमाल किया है। बतौर रिपोर्ट यह GST मुआवजा कानून, 2017 का उल्लंघन है।
वित्त मंत्री ने GST मुआवजे को लेकर दिया था अहम बयान
CAG ने कहा कि 2017-18 और 2018-19 में केंद्र सरकार ने GST क्षतिपूर्ति के 47,272 रुपये कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया (CFI) में रखे और इसका इस्तेमाल राज्यों को मुआवजा देने के बदले दूसरे कामों के लिए किया गया। बुधवार को संसद में पेश की गई यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब पिछले सप्ताह वित्त मंत्री ने कहा था कि कानून में ऐसा प्रावधान नहीं है कि राज्यों को CFI से राज्यों को मुआवजा दिया जाए।
GST मुआवजे को लेकर क्या है प्रावधान?
कानून में सभी राज्यों को 2017 से 2022 के बीच GST राजस्व में प्रति वर्ष 14 प्रतिशत इजाफे की गारंटी दी गई है। GST लागू होने से राज्यों होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए यह कानून लाया गया था। अगर किसी राज्य का राजस्व 14 प्रतिशत की दर से कम गति से बढ़ता है तो इसकी पूर्ति केंद्र की तरफ से मुआवजा देकर की जाएगा। केंद्र यह राशि मुआवजा उपकर के रूप में जुटाता है।
सरकार की तरफ से लगाया जाता है GST मुआवजा उपकर
यह ग्रांट देने के लिए केंद्र सरकार ने लग्जरी उत्पादों पर GST मुआवजा उपकर लगाया है। इस तरह से जुटाया गया पैसा CFI में जाता है। इसके बाद इसे सरकारी कोष में बने GST मुआवजा उपकर खाते में भेजा जाता है। इस खाते से राज्यों को महीने में दो बार मुआवजा दिया जाता है। CAG का कहना है कि सरकार ने पूरा GST मुआवजा उपकर खाते में भेजने की जगह CFI में रखा और दूसरे कामों के लिए इस्तेमाल किया।
विभाग ने भविष्य में पारदर्शिता बरतने की बात
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018-19 में फंड में 90,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का बजटीय प्रावधान था और इतनी ही रकम राज्यों को मुआवजे के लिए जारी की जानी थी। सरकार ने उस साल GST मुआवजा उपकर से 95,081 करोड़ रुपये जुटाए थे, लेकिन वित्त विभाग ने इनमें से केवल 54,275 करोड़ रुपये की इसके खाते में ट्रांसफर किए। CAG ने कहा कि है कि वित्त विभाग ने उसकी रिपोर्ट स्वीकार कर ली है।