कोरोना वायरस: दोबारा संक्रमित हो रहे ठीक हो चुके लोग, वैक्सीन की प्रभावकारिता पर चिंता बढ़ी
पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है और लोग इसकी कारगर वैक्सीन आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसी बीच कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों के दोबारा संक्रमित होने के मामलों ने विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी है। कुछ सप्ताह पहले हांगकांग में दुबारा संक्रमित होने का मामला सामने आया था और अब भारत में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इस स्थिति ने कोरोना वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर आशंकाएं पैदा कर दी है।
मुंबई और ग्रेटर नोएडा में सामने आए दोबारा संक्रमण के मामले
भारत में हाल ही में ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सात चिकित्साकर्मियों और मुंबई के दो अस्पतालों में कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित होने के मामले सामने आए हैं। न्यूज 18 में प्रकाशित उद्धृत एक पूर्व-प्रिंट अध्ययन के अनुसार जीनोम अनुक्रमण ने अपने पहले और दूसरे वायरल RNA नमूने के बीच महत्वपूर्ण आनुवंशिक अंतर दिखाया है, जो वायरस म्यूटेशन को दर्शाता है। यह चिंतनीय विषय है।
एक आनुवांशिक वेरिएंट को एंटीबॉडी को बेअसर करने के लिए प्रतिरोधी पाया
जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी संस्थान द्वारा आयोजित किए गए एक अध्ययन के प्रारंभिक आंकड़ों में सामने आया कि GIIMS चिकित्साकर्मी के दूसरे वायरल RNA नमूने में आनुवंशिक वेरिएंट में से एक एंटीबॉडी को बेअसर करने के लिए प्रतिरोधी था। चौंकाने वाली बात यह है कि संस्थान के चिकित्साकर्मियों में दोनों अवसरों पर हल्के लक्षण दिखाई दे रहे थे, लेकिन दुबारा संक्रमण के समय उनमे बहुत अधिक वायरल लोड पाया गया था।
अलग स्ट्रेन को बताया संक्रमण का कारण
IGIB के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा, "ये स्पष्ट रूप से अलग-अलग स्ट्रेन हैं। हमने मुंबई के नमूनों की जांच की है और उनमें भी अलग-अलग स्ट्रेन मिले है। हमारे पास निर्णायक सबूत हैं कि पहले और दूसरे सैंपल में स्पष्ट आनुवांशिक अंतर है।"
प्रतिरोधी एंटीबॉडी म्यूटेशन का किया जाएगा विश्लेषण
प्रतिरोधी एंटीबॉडी म्यूटेशन को लेकर डॉ अग्रवाल ने कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि क्या वायरस का यह रूप स्थानीय स्तर पर फैल रहा है, वायरस और मेजबान अलग-अलग कैसे हो सकते हैं, और यह कैसे (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष संपर्क) फैल रहा है। यह वैक्सीन निर्माण में प्रासंगिक होगा।" उन्होंने जोर देते हुए कहा कि "ये मामले सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से समुंद्र में एक बूंद की तरह दुर्लभ हो सकते हैं।"
मामलो में और अध्ययन करने की है आवश्यकता
विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन निर्माण सहित स्थिति और स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पर इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने के लिए म्यूटेशन पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। अध्ययन के सह लेकर डॉ विकेक गुप्ता ने कहा, "इस मुद्दे पर गहन अध्ययन की आवश्यकता है, अटकलों पर हम कह सकते हैं कि या तो एंटीबॉडी लंबे समय तक नहीं चलती है या फिर म्यूटेशन वायरस को एंटीबॉडी को बेअसर करने के लिए प्रतिरोधी बना रहा है।"
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में कोरोना वायरस के 90,000 से अधिक नए मामले सामने आने का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटे में देशभर में 93,337 नए मामले सामने आए और 1,247 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 53,08,014 हो गई है, वहीं 85,619 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 10,13,964 हो गई है।