
#NewsBytesExplainer: अनुच्छेद 370 की सुनवाई में शामिल लेक्चरर के निलंबन से संबंधित विवाद क्या है?
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 की सुनवाई में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर के एक लेक्चरर के निलंबन पर सवाल उठाया है।
कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से इस पूरे मामले में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा से बात करने के लिए कहा है।
कोर्ट ने कहा कि कहीं लेक्चरर का निलंबन अनुच्छेद 370 के खिलाफ दलील देने से तो नहीं जुड़ा है।
आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
पिछले सप्ताह बुधवार को जम्मू-कश्मीर के राजनीति विज्ञान के वरिष्ठ लेक्चरर जहूर अहमद भट भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ के सामने पेश हुए थे।
इसके 2 दिन बाद शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम, जम्मू-कश्मीर सरकारी कर्मचारी आचरण नियम और जम्मू-कश्मीर अवकाश नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए भट्ट को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने लेक्चरर के निलंबन के मामले पर सुनवाई की।
जस्टिस बीआर गवई ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकार की कार्रवाई प्रतिशोध हो सकती है। उन्होंने कहा, "अगर यह सच में कुछ संदेश देने के लिए हुआ है तो यह वास्तव में प्रतिशोध है। ऐसे में अभिव्यक्ति की आजादी का क्या होगा?"
सुनवाई
CJI ने क्या टिप्पणी की?
CJI चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से मामले को देखने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, "देखिए क्या हुआ है। इस कोर्ट में पेश होने वाले किसी व्यक्ति को निलंबित कर दिया गया। आप उपराज्यपाल से बात करें। अगर कोई और कारण है तो वह अलग बात है, लेकिन उनके (लेक्चरर) कोर्ट के सामने पेश होने और फिर निलंबित होने के बीच इतना कम अंतर क्यों है?"
तर्क
सरकार ने निलंबन का क्या कारण बताया?
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लेक्चरर के निलंबन के पीछे कई अन्य कारण थे।
उन्होंने कहा कि निलंबन की खबर एक अखबार में प्रकाशित होने के बाद उन्होंने प्रशासन से मामले को लेकर पूछा था और उन्हें बताया गया था कि लेक्चरर के निलंबन के पीछे कई कारण थे, जिसमें एक कारण था कि वह शैक्षिक कार्यों को छोड़कर नियमित रूप से विभिन्न कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर रहे हैं।
दलील
लेक्चरर ने अनुच्छेद 370 को लेकर क्या कहा था?
लेक्चचर ने सुप्रीम कोर्ट के सामने करीब 5 मिनट तक जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दलील दी थीं।
उन्होंने कहा था, "अगस्त, 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में छात्रों को भारतीय राजनीति पढ़ाना कठिन हो गया है। छात्र मुझसे पूछते हैं कि क्या हम अभी भी एक लोकतंत्र हैं।"
उन्होंने कहा था कि भारत के संविधान की नैतिकता का उल्लंघन करते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था।
मामला
सुप्रीम कोर्ट के सामने कैसे पहुंचा यह मामला?
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने लेक्चचर के निलंबन के मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा था। उन्होंने कहा था कि भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए 2 दिनों की छुट्टी ली थी, जिसके बाद वह कोर्ट के सामने कुछ समय के लिए पेश हुए और वापस चले गए।
सिब्बल ने कहा कि इसके 2 दिन बाद अचानक लेक्चरर को निलंबित कर दिया गया, जो कई सवाल खड़े करता है।