मोदी सरनेम मामला: राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट से बोले- मेरे खिलाफ न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग हुआ
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। राहुल ने कहा कि वह इस अपराध के दोषी नहीं हैं और उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मामले में माफी मांगनी होती या समझौता करना होता तो वह पहले ही माफी मांग चुके होते। राहुल ने अपना हलफनामा मामले में 4 अगस्त को होने वाली सुनवाई से पहले दाखिल किया है।
पूर्णेश मोदी ने किया 'अहंकारी' शब्द का इस्तेमाल- राहुल
राहुल ने अपने हलफनामे में शिकायतकर्ता और भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी पर उनका अपमान करने का भी आरोप लगाया है। राहुल ने कहा, "शिकायतकर्ता और भाजपा के विधायक पूर्णेश ईश्वरभाई मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दाखिल किए गए अपने जवाब में उनका वर्णन करने के लिए 'अहंकारी' जैसे निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल किया है, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने माफी मांगने से इनकार कर दिया था।"
राहुल बोले- मेरे खिलाफ हुआ न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग
राहुल ने आगे कहा, "बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए बाध्य करने के लिए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक प्रक्रिया और इसके परिणामों का उपयोग करना न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।" बता दें कि मामले में दोषी करार होने के बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया था और उन्हें दिल्ली स्थित सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट में चल रही है मामले की सुनवाई
मानहानि मामले में सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने भी कैविएट याचिका दायर कर उनका पक्ष सुने जाने की अपील की है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को सुनवाई करते हुए पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
क्या है मानहानि का मामला?
राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस टिप्पणी को लेकर गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था और अन्य शहरों में भी केस दर्ज हुए थे। सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को दोषी पाते हुए 2 साल की सजा और 15,000 रूपये का जुर्माने लगा दिया था।