अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर- रिपोर्ट
क्या है खबर?
पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर हमले की योजना बना रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादी जुलाई में शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के लिए सुरक्षा बलों और यात्रा में आए श्रद्धालुओं के काफिले को निशाना बना सकते हैं।
इन आतंकी हमलों को अंजाम देने की जिम्मेदारी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में छिपे कुछ आतंकवादियों को सौंपी गई है।
हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
रिपोर्ट
इन 2 आतंकियों को सौंपी गई है जिम्मेदारी- रिपोर्ट
इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में छिपे आतंकियों ने रफीक नाई और मोहम्मद अमीन बट उर्फ अबु खुबैब को अमरनाथ यात्रा पर हमले की जिम्मेदारी सौंपी है।
ये दोनों आंतकी जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, पीर पंजाल और चिनाब घाटी क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।
रफीक पुंछ जिले के मेंढर और खुबैब डोडा जिले का रहने वाला है और दोनों ही आतंकी अभी PoK से ऑपरेट कर रहे हैं।
अलर्ट
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने रची है साजिश
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा है।
इस इनपुट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। वह लगातार आतंकी खुबैब के डोडा स्थित घर पर नजर रख रही हैं, जहां उसका परिवार अभी भी रह रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आतंकी खुबैब अपने परिवार के संपर्क में हो सकता है।
रिपोर्ट
सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को बरगला रहे हैं आतंकी- रिपोर्ट
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों आतंकवादी सोशल मीडिया के जरिए डोडा और पुंछ क्षेत्र के युवाओं को बरगला रहे हैं। इसके पीछे का मकसद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की नई फौज खड़ी करना है।
ये दोनों आतंकी घाटी के युवाओं को आंतक की राह पर धकेलने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय होने के कारण दोनों आतंकी घुसपैठ के सभी रास्ते जानते हैं।
इसके चलते सीमावर्ती इलाकों के आसपास सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
यात्रा
कब से शुरू होगा अमरनाथ यात्रा का रजिस्ट्रेशन?
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 1 जुलाई, 2023 से शुरू होगी। बाबा बर्फानी का मंदिर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में स्थित है। यह यात्रा 62 दिनों तक चलेगी और इसका समापन 31 अगस्त, 2023 को होगा।
यात्रा के शुरू होने से पहले जम्मू-कश्मीर का हर हिस्सा सुरक्षाबलों की निगरानी में है। यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सशस्त्र सीमा बल (SSB) और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कंधों पर यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।