कोरोना वायरस: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मिले सामुदायिक प्रसार शुरू होने के संकेत, चिंता बढ़ी
देश में पिछले कुछ दिनों कोरोना वायरस (COVID-19) के रिकॉर्ड मरीज मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि देश के कुछ इलाकों में संक्रमण का सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है। हालांकि, सरकार इस बारे में सीधे-सीधे कुछ भी कहने से बच रही है। अब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी संक्रमण के सामुदायिक प्रसार शुरू होने के संकेत मिले हैं, जिससे प्रशासन और सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
दोनों राज्यों में नए इलाकों में मिल रहे संक्रमित
दरअसल, दोनों राज्यों में नए या ऐसे स्थानों से कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं, जहां पिछले कुछ दिनों में एक भी मामला सामने नहीं आया था। अब इस बात का खतरा है कि इन इलाकों में सामुदायिक प्रसार शुरू हो चुका है, जिससे नियंत्रित करना मुश्किल होता है। आंध्र प्रदेश में बुधवार को 180 नए मामले सामने आए। इनमें 94 प्रवासी शामिल हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 4,080 पहुंच गई।
आंध्र प्रदेश में इन इलाकों में पहली बार मिल रहे संक्रमित
आंध्र प्रदेश में गुंटूर, पूर्व गोदावरी, कर्नूल, चित्तूर, कड़पा, और प्रकासम जैसे जिलों में पहली बार संक्रमित लोग मिले हैं। कड़पा जिले में एक ही परिवार के 10 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, लेकिन इनके संक्रमण का स्त्रोत अभी तक अज्ञात है।
कई लोग नहीं कर रहे क्वारंटाइन नियमों का पालन- स्वास्थ्य मंत्री
आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एके श्रीनिवास ने कहा कि मुंबई, चेन्नई और दूसरे राज्यों से लौटे लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। कई मामलों में बिना लक्षण वाले लोग क्वारंटाइन नियमों का पालन नहीं कर रहे और दूसरे लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "सभी प्रवासियों की टेस्टिंग के चलते हम पॉजीटिव मामलों को पता लगा पा रहे हैं। राज्य में हर रोज 8,000-10,000 टेस्ट हो रहे हैं। इसलिए यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।"
तेलंगाना में भी ऐसा ही हाल
तेलंगाना से भी कुछ इसी तरह की तस्वीर सामने आई है। यहां सिद्दीपेत, संगारेड्डी, मंछेरियल, नलगौंडा, जगतियाल, मद्छल, महबूबनगर और रंगारेड्डी आदि इलाकों से नए मामले सामने आए थे। यहां कई दिनों के बाद लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिसके बाद अधिकारी मान रहे हैं यहां सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यहां अब तक 3,020 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 99 की मौत हुई है।
क्या होता है सामुदायिक प्रसार?
सामुदायिक प्रसार तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। यानी जब उसके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलेगा तो इसे सामुदायिक प्रसार माना जाएगा। अगर कोई ऐसा व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है जो न तो कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से लौटा है और न ही किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो इसे सामुदायिक प्रसार का मामला माना जाएगा।
सामुदायिक प्रसार को लेकर क्या कहती है सरकार?
जब ICMR की वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता से देश में सामुदायिक प्रसार शुरू होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "संक्रामक बीमारियों के बारे में जरूरी चीज यह होती है कि यह किस स्तर तक फैली है। सामुदायिक प्रसार शब्द का इस्तेमाल करने की जगह इसका फैलाव और यह समझने की जरूरत है कि हम दूसरे देशों के मुकाबले कहां खड़े हैं। इसके लिए हमने 34,000 लोगों पर सर्वे शुरू किया है, जिसके नतीजे सप्ताह के अंत तक आएंगे।"
विशेषज्ञ बोले- सामुदायिक प्रसार हुआ शुरू
सरकार भले ही स्पष्ट तौर पर जानकारी देने से बच रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कई इलाकों में संक्रमण का सामुदायिक प्रसार शुरू हो चुका है। इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन, इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ एपिडिमियोलॉजिस्ट ने संयुक्त बयान में कहा कि यह उम्मीद करना बेमानी है कि इस चरण में कोरोना वायरस महामारी को दूर किया जा सकता है। देश के कई इलाकों में सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है।