असम: भीषण बाढ़ से 26 लाख लोग प्रभावित, बचाव कार्यों के लिए अलर्ट पर सेना
क्या है खबर?
देश के कई हिस्सों में जहां सूखे पड़ रहा है, वहीं असम बाढ़ का सामना कर रहा है।
राज्य में बाढ़ की समस्या भीषण होती जा रही है और 26 लाख लोग इससे प्रभाव में आ गए हैं।
बढ़ती समस्या को देखते हुए बचाव कार्य में सेना को भी लगाया जा रहा है और रविवार को उसे अलर्ट पर रखा गया।
असम में अगले हफ्ते और बारिश की संभावना है, जिससे बाढ़ और भीषण हो जाएगी।
असम बाढ़
बाढ़ से प्रभावित असम के 33 में से 28 जिले
असम में पिछले कई हफ्ते से बाढ़ का प्रकोप जारी है और इसमें अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 33 में से 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।
इससे 26 लाख से ऊपर लोग प्रभावित हुए हैं। बारपेटा जिले में सबसे ज्यादा 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन ने 18 जिलों में 85 राहत कैंप लगाए हैं, जिसमें 16000 लोगों ने शरण ले रखी है।
अलर्ट
बचाव कार्य के लिए सेना अलर्ट पर
बाढ़ के और भीषण होने के बीच सेना को अलर्ट पर रखा गया है।
एक सैन्य अधिकारी ने बताया, "हमारे जवान राज्यभर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट पर हैं और प्रशासन को राहत और बचाव कार्य में सहायता कर रहे हैं। अब तक हमने 150 लोगों को बचाया है।"
राज्य में NDRF और SDRF टीमें पहले से ही बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
वो अभी तक सबसे अधिक प्रभावित 11 जिलों में 7833 लोगों को बचाव चुकी हैं।
चुनौती
मौसम विभाग की अगले हफ्ते बाढ़ की भविष्यवाणी
बता दें कि असम के गुवाहाटी, जोरहाट, तेजपुर,गोलपारा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
कई इलाकों में उसकी सहायक नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर जा चुकी हैं।
मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) कुमार संजय कृष्णा ने बताया कि मौसम विभाग ने असम में अगले हफ्ते और बारिश की भविष्यवाणी की है, जिससे ब्रह्मपुत्र का जलस्तर और अधिक बढ़ने की संभावना है।
इससे बाढ़ की स्थिति और भीषण होगी।
बयान
बचाव कार्यों के लिए जिलों को जारी हुआ धन
इस बीच कृष्णा ने कहा, "हमारे पास स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। पिछले साल हमें केंद्र सरकार से 590 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। हमने 55.85 करोड़ रुपये पहले ही जिलों को दे दिए हैं।"
वहीं, मुख्यमंत्री सर्बनंदा सोनोवाल के कार्यालय ने बताया कि वह स्थिति का जायजा ले रहे हैं और बाढ़ प्रभावित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को बचाव और राहत कार्यों के बारे में निर्देश दे रहे हैं।
सूखा
देश के अन्य हिस्सों में सूखे के हालात
जहां असम भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है, वहीं देश के कई हिस्से भीषण सूखे और जल संकट का सामना कर रहे हैं।
चेन्नई में जल संकट इतना बढ़ गया है कि बाहर से पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है।
खराब मानसून ने इस स्थिति को और खराब कर दिया है।
इस जल संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लोगों से जल संरक्षण करने और पानी की एक-एक बूंद बचाने की अपील कर रहे हैं।