कैसे स्वच्छ होगा भारत? 38% सरकारी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय तक नहीं
स्वच्छ भारत अभियान की सफलता को लेकर केंद्र सरकार के तमाम दावों के बीच ऐसे आंकड़े सामने आए हैं जो उसके इस दावे पर सवाल खड़े करते हैं। केंद्र सरकार की 'ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी 2018' (Rural Health Statistics) रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण भारत के 38 प्रतिशत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय भी नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने 22 नवंबर को लोकसभा में अपने एक लिखित जवाब में इस रिपोर्ट के आंकड़ों को पेश किया।
स्वच्छ भारत अभियान के पहले 3.5 साल के हैं आंकड़े
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी। सरकार की इस रिपोर्ट में 31 मार्च, 2018 तक के आंकड़े हैं। इसके बाद इन आंकडों में बदलाव आने की संभावना हो सकती है।
10 राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक सरकारी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में शौचालय नहीं
इन आंकड़ों का मीडिया समूह 'इंडिया टुडे' ने विश्लेषण किया है। इस विश्लेषण में सामने आया है कि देश के 10 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में 50 प्रतिशत से अधिक सरकारी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय नहीं हैं। इनमें तेलंगाना, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं। बता दें कि स्वास्थ्य केंद्रों में उप केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (छोटे सरकारी अस्पताल) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (बड़े सरकारी अस्पताल) आते हैं।
60 प्रतिशत स्वास्थ्य उप केंद्रों में नहीं शौचालय
आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2018 तक देशभर के करीब 60 प्रतिशत स्वास्थ्य उप केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय नहीं है। वहीं छोटे सरकरी अस्पतालों में ये आंकड़ा 18 प्रतिशत और बड़े सरकारी अस्पतालों में 12 प्रतिशत है।
तेलंगाना के एक भी स्वास्थ्य उप केंद्र में नहीं शौचालय
अगर राज्यों के हिसाब से बात करें तो तेलंगाना की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। राज्य में कुल 4,744 ग्रामीण स्वास्थ्य उप केंद्र हैं जिनमें से एक में भी स्टाफ के लिए शौचालय नहीं है। कुल मिलाकर राज्य के 86 प्रतिशत स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे शौचालय नहीं हैं। वहीं राजस्थान के 85 प्रतिशत और गुजरात के 73 प्रतिशत ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय नहीं है। मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तराखंड में भी समान स्थिति है।
आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में है शौचालय
इस मामले में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश अव्वल है। अपने पड़ोसी राज्य तेलंगाना के विपरीत आंध्र प्रदेश में सभी 7,458 ग्रामीण स्वास्थ्य उप केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय है। राज्य के सभी छोटे और बड़े सरकारी अस्पतालों में भी ऐसे शौचालय हैं। आंध्र प्रदेश के अलावा हिमाचल प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय उपलब्ध हैं।
उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन भी रहा अच्छा
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश को भी इस मामले में प्रदर्शन अन्य राज्यों के मुकाबले बेहद अच्छा है। राज्य के 91 प्रतिशत सरकारी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ के लिए शौचालय की व्यवस्था मौजूद है।
61 प्रतिशत ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में अलग-अलग महिला और पुरूष शौचालय नहीं
'इंडिया टुडे' द्वारा किए गए आंकड़ों के विश्लेषण में ये भी सामने आया है कि ग्रामीण भारत के लगभग 61 प्रतिशत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है। केरल और तेलंगाना का इस मामले में प्रदर्शन सबसे खराब है और दोनों राज्यों के 86 प्रतिशत ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग शौचालय नहीं है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात का नंबर आता है।
21 राज्यों में 50 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में अलग-अलग शौचालय नहीं
स्टाफ के लिए शौचालय के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले आंध्र प्रदेश के सभी 7,458 ग्रामीण उप स्वास्थ्य केंद्रों में जहां स्टाफ के लिए शौचालय तो है, लेकिन इनमें से किसी में भी महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग शौचालय नहीं है। अगर पूरे देश की बात करें तो 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है।
हजारों स्वास्थ्य केंद्रों में पानी की नियमित सप्लाई भी नहीं
आंकड़ों के विश्लेषण में ग्रामीण भारत के 26,360 उप स्वास्थ्य केंद्रों और 1,313 छोटे सरकारी अस्पतालों में पानी की नियमित सप्लाई न होने की बात भी सामने आई है। केवल उप स्वास्थ्य केंद्रों की बात करें तो मणिपुर के 79 प्रतिशत, मिजोरम के 62 प्रतिशत और मेघालय के 60 प्रतिशत उप स्वास्थ्य केंद्रों में पानी की नियमित सप्लाई नहीं है। झारखंड में ये आंकड़ा 53 प्रतिशत, बिहार में 49 प्रतिशत, राजस्थान में 34 प्रतिशत और ओडिशा में 30 प्रतिशत है।
40,000 सरकारी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं है बिजली
इसके अलावा ग्रामीण भारत के 40,000 सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली की सप्लाई भी नहीं है। इस मामले में गोवा और झारखंड की स्थिति सबसे खराब है। गोवा के 60 प्रतिशत और झारखंड के 43 प्रतिशत छोटे सरकारी अस्पतालों में बिजली की सप्लाई नहीं है।