आंध्र प्रदेश विधानसभा में दिशा बिल पास, 21 दिनों में बलात्कारियों को फांसी देने का प्रावधान
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश दिशा बिल 2019 पारित कर दिया है। इसमें रेप के दोषियों को 21 दिनों में फांसी देने का प्रावधान किया गया है। यह बिल पेश करते हुए गृहमंत्री मेकतोटी सुचरिता ने कहा कि दिशा एक्ट से महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बिल पेश किया है। इससे पहले आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से जुड़े प्रावधानों को कड़े करने वाले दो बिलों को मंजूरी दी थी।
21 दिन में पूरा होगा ट्रायल
आंध्र प्रदेश दिशा कानून के तहत रेप जैसे गंभीर अपराधों के लिए दंड संहिता में संशोधन किया गया है। इसके तहत ऐसे मामलों में जहां संज्ञान लेने लायक साक्ष्य उपलब्ध हों, जांच को सात दिनों में पूरा करना होगा। नए कानून के मुताबिक, ट्रायल की पूरी प्रक्रिया को 14 दिनों में समाप्त किया जाएगा। इस हिसाब से देखे तो मामले का ट्रायल होने में कुल 21 दिन का समय लगेगा। मौजूदा कानून में इसके लिए चार महीने का प्रावधान है।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए बनेंगी विशेष अदालत
कैबिनेट ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामले के निवारण के लिए आंध्र प्रदेश विशेष अदालत कानून, 2019' के मसौदे को भी स्वीकृति दे दी है। इसके तहत राज्य के हर जिले में विशेष अदालत बनाई जाएगी, जो केवल महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों की सुनवाई करेगी। इन अदालतों में रेप, गैंग रेप, एसिट अटैक, पीछा करने, यौन उत्पीड़न और POCSO कानून के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई होगी।
सरकार को प्रस्तावित कानून के लिए मिल रही बधाई
साथ ही कैबिनेट ने भारतीय दंड संहिता में धारा 354E और 354F को सम्मिलित करने की मंजूरी दे दी है। ये धाराएं बाल यौन शोषण और ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में लागू होती है। सरकारी सूत्रों की मानें तो यह दोनों विधेयक राज्य विधानसभा के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किए जा सकते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता चिरंजीवी ने इसके लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी है।