मणिपुर: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को ही नहीं पता राज्य में क्या हो रहा, बोले- स्थिति अराजक
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को ही नहीं पता है कि राज्य में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्थिति अराजक है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में हिंसा की बदलती प्रकृति पर चिंता व्यक्त की है। शाह से मुलाकात के बाद इंफाल लौटने पर सिंह ने कहा, "बाहरी क्षेत्रों में गोलीबारी से लेकर घाटी के जिलों में नागरिक अंसतोष तक, हिंसा की बदलती प्रकृति शाह जी के लिए चिंता का विषय बन गई है।"
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा, "मणिपुर हिंसा का शुरुआती दौर संवदेनशील और राजनीतिक से प्रेरित था, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि अब क्या हो रहा है। स्थिति बहुत अराजक है।'' उन्होंने कहा, "शाह ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह और राज्य मंत्री सुशींद्रो मैतेई के आवासों पर हुए हमलों, सरकारी संपत्तियों को नष्ट करने लिए हुई आगजनी और सुरक्षा बलों की आवाजाही में बाधा जैसे मुद्दे उठाए।"
मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को सौंपी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की एक रिपोर्ट भी गृह मंत्री को सौंपी है। मुख्यमंत्री का ये बयान हिंसा प्रभावित मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा कथित तौर पर बनाए गए बंकरों पर राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बीच आया है। सुरक्षाबलों ने विभिन्न जिलों में कथित तौर पर उग्रवादियों द्वारा बनाए गए 12 बंकरों को नष्ट करने का दावा किया है।
सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद गृह मंत्री से मिले मुख्यमंत्री
दिल्ली में गृह मंत्री शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री की मुलाकात सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद हुई। मणिपुर में शांति स्थापना और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों से सहयोग की मांग करते हुए शाह ने सर्वदलीय बैठक की थी। करीब 4 घंटे चल चली इस बैठक के दौरान कुछ पार्टियों ने बीरेन सिंह को तत्काल बर्खास्त करने और भाजपा शासित राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की थी।
मणिपुर में क्यों हो रही है हिंसा?
दरअसल, मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी। उसके बाद से मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 100 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। यहां लगातार अलग-अलग इलाकों में हिंसा और गोलीबारी की घटनाएं जारी हैं।