मणिपुर हिंसा: गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक
क्या है खबर?
मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में भाजपा समेत कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ-साथ गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले डेढ़ महीने से हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
मांग
मणिपुर भेजा जाए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल- TMC
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने मांग की है कि एक सप्ताह के अंदर विभिन्न पार्टियों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर भेजा जाना चाहिए।
TMC ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक मणिपुर की अनदेखी करने का संदेश दिया है, जिसे शांति और सद्भाव बहाल करने की मंशा में बदलने की जरूरत है।
बता दें कि कांग्रेस नेता और मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना चाहता है।
बयान
DMK सांसद बोले- प्रधानमंत्री ने मणिपुर हिंसा पर नहीं कहा एक भी शब्द
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के सांसद तिरुचि शिवा ने सर्वदलीय बैठक के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, "हमने मणिपुर को लेकर अपनी चिंताएं रखी हैं। 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और करीब 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं। इस पर सबसे दुखद यह है कि प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द तक नहीं कहा है। स्थिति का पता लगाने के लिए एक सर्वदलीय दल को मणिपुर भेजना चाहिए।"
राय
मणिपुर के नेतृत्व को लेकर लोगों में अविश्वास- मनोज झा
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा ने कहा, "बैठक में खुले मन से बात हुई और सभी नेताओं ने अपनी-अपनी राय रखी। मणिपुर के राजनीतिक नेतृत्व में लोगों का अविश्वास है और यह बात सारे विपक्षी दलों ने रखी हैं। हमने कहा कि जो इंसान सरकार चला रहा है उसमें कोई विश्वास नहीं है। अगर आपको शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे व्यक्ति के रहते नहीं कर सकते।"
हिंसा
हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है केंद्र
विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर मणिपुर में हिंसा को रोकने में नाकाम होने का आरोप लगाते हुए निशाना साध रही हैं। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन पर मणिपुर की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
केंद्र सरकार ने शांति बहाल करने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में शांति समिति के गठन का ऐलान किया था, लेकिन कुकी और मैतेई दोनों समुदाय ने इसका बहिष्कार कर दिया।
मामला
उपद्रवियों ने मणिपुर के मंत्री के गोदाम में लगाई आग
उपद्रवियों ने शुक्रवार रात को राजधानी इंफाल में मणिपुर सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री एल सुसींद्रो मैतेई के एक निजी गोदाम में आग लगा दी। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों ने भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों में जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं की संपत्ति को निशाना बनाया जा रहा है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर में भी आग लगाई गई थी।
दौरा
विस्थापित लोगों को बसाने के लिए तेजी से हो रहा काम- मुख्यमंत्री सिंह
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बिष्णुपुर जिले में हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों को अस्थायी तौर पर बसाने के लिए ठीक किए जा रहे पूर्व-निर्मित घरों के स्थल का दौरा किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घाटी और पहाड़ों में विस्थापित हुए लोगों के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील भी की है।
हिंसा
मणिपुर में कैसे भड़की थी हिंसा?
मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी।
उसके बाद से ही मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां लगातार अलग-अलग इलाकों में हिंसा और गोलबारी की घटनाएं जारी हैं।