केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा, शांति बनाए रखने की अपील
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में हुई हिंसक झड़पों के बाद राज्य का 3 दिवसीय दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि एक कोर्ट के फैसले के बाद मणिपुर में झड़पें हुई हैं और वह दोनों ही समूहों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा, "सभी लोगों के साथ न्याय होगा। मैं जल्द मणिपुर का दौरा करूंगा और कुछ दिन वहां रहकर मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने को लेकर बातचीत करूंगा।"
आज गुवाहाटी पहुंचे हैं शाह
गुरुवार को गुवाहाटी में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय की आधारशिला कार्यक्रम में गृह मंत्री शाह शिरकत करने पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह मणिपुर के लोगों से सभी विवादों को बातचीत के माध्यम के जरिए सुलझाने की अपील करते हैं और वह जल्द मणिपुर का 3 दिवसीय दौरा करेंगे। इससे पहले 16 मई को शाह ने राज्य सरकार को मणिपुर हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिये थे।
मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील
संदिग्ध आतंकवादियों ने राहत शिविर में की गोलीबारी
मणिपुर में बुधवार को विष्णुपुर जिले में आगजनी और गोलीबारी की घटना के बाद अनिश्चितकालीन कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया है। NDTV को स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया,"कुछ संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी के दौरान राहत शिविर में रह रहे दो लोग घायल हो गए थे और उनमें से एक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। आंतकवादियों ने गोलीबारी से पहले विस्थापित लोगों के कुछ खाली पड़े घरों में आग लगा दी थी।"
संदिग्धों ने स्थानीय मंत्री के घर पर भी किया हमला
अधिकारियों ने बताया कि संदिग्ध आंतकियों ने विष्णुपुर जिले में स्थानीय मंत्री गोविंददास कोंथौजम के घर पर भी हमला करते हुए यहां आगजनी और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है और प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान तैनात हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक हिंसा प्रभावित मणिपुर से 7,500 से अधिक लोग मिजोरम शरण लेने पहुंचे हैं।
22 मई को इंफाल में भी भड़की थी हिंसा
22 मई को भी मणिपुर की राजधानी इंफाल में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद यहां भारतीय सेना और सशस्त्र बलों को वापस बुलाया गया था। यहां न्यू चेकॉन इलाके में एक स्थानीय बाजार में जगह को लेकर मैतई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच मारपीट के बाद हिंसा हुई थी। इस घटना के बाद यहां भी कर्फ्यू लगाया गया था और हिंसा प्रभावित इलाकों में भारतीय सेना ने दोबारा मोर्चा संभाल लिया था।
कब से हो रही मणिपुर में हिंसा?
इस महीने की शुरुआत से ही मणिपुर में हिंसा जारी है। तब आदिवासियों ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिये जाने के विरोध में 3 मई को एकजुटता मार्च निकाला था। इसके बाद एक हफ्ते से ज्यादा समय तक राज्य में हिंसक झड़पें होती रहीं, जिनमें 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई। राज्य भर में लगभग 2,000 घरों को भी जला दिया गया और हजारों लोगों को यहां विस्थापित होना पड़ा है।
क्यों हो रही है हिंसा?
अभी राज्य की आबादी का 64 प्रतिशत हिस्सा मैतई समुदाय का है। आदिवासियों को डर है कि अगर मैतेई समुदाय को ST वर्ग का दर्जा मिला तो वह आदिवासियों के लिए आरक्षित 10 प्रतिशत वन्य क्षेत्र के अलावा उनकी अन्य जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर लेगा। कुकी आदिवासी समुदाय को आरक्षित वन भूमि से बेदखल करने को लेकर पहले भी हिंसक झड़पें हुई हैं, जिसके कारण राज्य में छोटे-बड़े आंदोलन होते रहे हैं।