असम और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में दो लोग गिरफ्तार
नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने पर असम और त्रिपुरा में एक-एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है। असम पुलिस ने राज्य में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी की सोशल मीडिया सेल के एक कर्मचारी नीतू बोरा को गिरफ्तार किया है। बोरा पर आरोप है कि उन्होंने फेसुबक पर राज्य के मुख्यमंत्री सर्बनंदा सोनोवाल के खिलाफ सांप्रदायिक और अपमानजनक पोस्ट की थी। वहीं त्रिपुरा में एक भाजपा समर्थक को मुख्यमंत्री बिप्लब देव के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट के कारण गिरफ्तार किया गया।
बोरा मामले में तीन लोगों से पूछताछ
बोरा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि राज्य की भाजपा सरकार शरणार्थी मुसलमानों से असम के मूल निवासियों को बचाने में असफल रही है। साथ ही उन्होंने लिखा कि राज्य के मुख्यमंत्री कानून और व्यवस्था को संभालने में विफल रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन अन्य लोगों से भी पूछताछ की है। बोरा के साथी ने कहा कि सरकार लोगों के बोलने का अधिकार कैसे छीन सकती है। यह पूरी तरह से असहिष्णुता है।
त्रिपुरा पुलिस ने दिल्ली से की गिरफ्तारी
एक दूसरे मामले में त्रिपुरा पुलिस ने दिल्ली से एक भाजपा समर्थक को गिरफ्तार किया। उन्हें आपराधिक साजिश, मानहानि और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस बारे में बात करते हुए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव और उनकी पत्नी ने कहा कि यह पूरा प्रकरण राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए एक गहरी साजिश का हिस्सा है।
केरल में आपत्तिजनक पोस्ट के कारण 119 लोगों पर केस
केरल के मुख्यमंत्री भी आपत्तिजनक पोस्ट के कारण लोगों पर किए केस चलते चर्चा में हैं। अपने 3 साल के कार्यकाल में केरल की वामपंथी सरकार के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए 119 लोगों पर केस कर चुकी है। यह मामला ऐसे समय पर सामने आया था, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट के लिए पत्रकार की गिरफ्तारी का मामला चर्चा में था।
सरकारी कर्मचारियों पर भी किया गया केस
भारतीय केंद्रीय मुस्लिम लीग के नेता एमके मुनीर ने जनवरी 2019 के केरल विधानसभा सत्र में इससे संबंधित सवाल पूछा था। इस पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का जवाब अब विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। वेबसाइट पर मौजूद दस्तावेज के अनुसार, जिन 119 लोगों पर केस दर्ज किया गया है, उनमें राज्य सरकार के 12 सरकारी/अर्द्ध-सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। केंद्र सरकार के एक कर्मचारी पर भी केस किया गया है।
नेता विपक्ष ने कहा, योगी के कदमों पर चल रहे हैं विजयन
सोशल मीडिया पोस्ट के लिए गिरफ्तारी का यह मामला केरल विधानसभा में भी उठा और विपक्ष ने विजयन की तुलना योगी आदित्यनाथ से की। नेता विपक्ष रमेश चेन्निथला ने कहा, "पिनराई विजयन योगी आदित्यनाथ के कदमों पर चल रहे हैं। अगर कोई भी उनके खिलाफ मुंह खोलता है तो कार्रवाई की जाती है। लेकिन मेरे खिलाफ इतनी नफरत और बदनामियों के मामले में सीधे पुलिस को शिकायत किए जाने के बावजूद कुछ नहीं किया जाता है।"
योगी पर ट्वीट के लिए किया गया था पत्रकार को गिरफ्तार
पिछले शनिवार को योगी आदित्यनाथ पर ट्वीट के लिए पत्रकार प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया गया था। प्रशांत ने योगी से शादी करने का दावा करने वाली महिला का वीडियो ट्वीट करते हुए मजाकिया अंदाज में लिखा था, "इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी।" यूपी पुलिस ने ट्वीट का स्वयं संज्ञान लेते हुए उसे दिल्ली में उसके घर से उठा लिया। सुप्रीम कोर्ट के प्रशांत की तत्काल रिहाई के आदेश के बाद उन्हें बुधवार शाम को रिहा किया गया।