अनंतनाग हमले के बाद CRPF की तैनाती प्रक्रिया में हो सकता है यह बड़ा बदलाव
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 12 जून को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) पर हुए हमले में पांच जवान मारे गए थे। जांच से जुड़े लोगों का कहना है कि इस हमले के पीछे के जैश-ए-मोहम्मद का हाथ हो सकता है। इस हमले के बाद एक बार CRPF की तैनाती प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अब जम्मू-कश्मीर में CRPF की तैनाती प्रक्रिया को बदलने पर विचार चल रहा है।
पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
मोटरसाइकिल पर सवार आतंकियों ने 12 जून को CRPF के जवानों पर गोलियां चलाई। फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद यह सबसे बड़ा हमला था। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में हुए इस हमले में पांच CRPF जवान मारे गए थे।
पुलिस थानों में रहेंगी CRPF की टुकड़ियां
हिंदुस्तान टाइम्स को गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस हमले में मारे गए जवान आतंकियों के लिए 'आसान निशाना' थे। वो खुले में तैनात थे। अब यह बदल सकता है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि अब CRPF जवानों को पुलिस थाने या सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा और जरूरत पड़ने पर बुलाया जाएगा। CRPF के इस्तेमाल को लेकर अब नया तरीका अपनाया जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर में इन कामों के लिए तैनात है CRPF
जम्मू-कश्मीर में आतंक-रोधी अभियान और रोड-ओपनिंग संचालन के लिए CRPF की तैनाती की गई है। इसके अलावा यह राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय प्रशासन की मदद भी करती है।
राज्यपाल बोले- हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ
एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस की मदद के लिए तैनात की गई CRPF की टुकड़ी को आम लोगों से दूर रखा जाएगा। उन्हें पास के किसी स्थान पर रखा जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें बुलाया जा सके और वो तुरंत घटनास्थल पर पहुंच सके। अनंतनाग हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यापाल मलिक ने इस फिदायीन हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। जब भी घाटी में शांति होती है, पाकिस्तान ऐसेे हमले शुरू करवा देता है।
हमले के बाद गृह सचिव से मिले थे CRPF के महानिदेशक
अनंतनाग हमले के बाद CRPF के महानिदेशक राजीव राय भटनागर ने गृह सचिव राजीव गौबा से मिलकर उन्हें जानकारी दी। दोनोें अधिकारियों ने अमरनाथ यात्रा को लेकर भी बातचीत की। यह पहली बार नहीं है जब CRPF की तैनाती में बदलाव किया जा रहा है। इससे पहले पुलवामा हमले के बाद भी CRPF की संचालन की मानक प्रक्रिया (SOP) में बदलाव किया गया था। सरकार ने जवानों को हवाई माध्यम से लाने-ले जाने को मंजूरी दी थी।
मोटरसाइकिल सवार आतंकी ने दिया था हमले को अंजाम
अनंतनाग हमले में दो असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर सहित पांच CRPF जवानों की जान चली गई थी और एक नागरिक और तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। एक सुरक्षाकर्मी ने दम तोड़ने से पहले आंतकी को मार गिराया था। पुलिस ने कहा कि मोटरसाइकिल सवार दो आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया, वहीं प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मोटरसाइकिल पर केवल एक शख्स सवार था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह विदेशी आतंकी का काम है।