
कोरोना वायरस की चपेट में है बच्चे, अधिकतर में नहीं दिख रहे लक्षण- विशेषज्ञ
क्या है खबर?
देश में चल रही कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में बच्चों के बीच संक्रमण फैलने को लेकर लोगों की चिंता बढ़ी हुई है। बच्चों में महामारी के प्रभाव को देखकर लोग अब उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
इसी बीच इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य डॉ आर सोमशेखर ने कहा है कि देश में बच्चें भी बड़ी संख्या में संक्रमण की चपेट में हैं, लेकिन अधिकतर के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।
प्रभाव
बच्चों में कम है संक्रमण का प्रभाव- सोमशेखर
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार डॉ सोमशेखर ने कहा, "देश में बच्चे SARS-CoV-2 वायरस की चपेट में हैं, लेकिन उनमें वायरस का प्रभाव अभी भी मध्यम है। संक्रमित हुए अधिकर बच्चों में लक्षण भी नजर नहीं आ रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "संक्रमित हो रहे बच्चों में से महज एक या दो प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में बच्चों में वायरस के गंभीर प्रभाव को लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है।"
सावधानी
सोमशेखर ने लोगों से की सावधानी बरतने की अपील
डॉ सोमशेखर ने कहा कि बच्चे में वायरस के हल्के प्रभाव को देखते हुए माता-पिता को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उनकी सावधानी से ही संक्रमण को बड़ों से बच्चों में फैलने से रोका जा सकता है।
उन्होंने लोगों से बच्चों में संक्रमण का पता लगाने के लिए उनके व्यवहार पर नजर रखने तथा उसमें बदलाव आने पर तत्काल जांच कराने की अपील की है। लोगों की सावाधानी और सतर्कता से बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सकता है।
संक्रमण
कर्नाटक में सबसे ज्यादा बच्चे हुए कोरोना वायरस से संक्रमित- सोमशेखर
डॉ सोमशेखर ने कहा कि बच्चों में संक्रमण का सबसे अधिक प्रसार कर्नाटक में देखने को मिला है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक में महामारी की शुरुआत से 20 मई तक 10 साल से कम उम्र के 68,635 बच्चे संक्रमण की चपेट में आए हैं।
उन्होंने लोगों से बच्चों को महामारी से बचाने के लिए शारीरिक व्यायाम, जंक फूड से परहेज, पर्याप्त नींद, मास्क, संतुलित आहार और उम्र के अनुसार वैक्सीन लगवाने की अपील की है।
चेतावनी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी थी बच्चों के संक्रमित होने की चेतावनी
बता दें कि देश में अब विशेषज्ञ महामारी की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं और इसमें बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की बात कही जा रही है। सरकार की इसको लेकर तैयारियों में जुट गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 22 मई को कहा था कि बच्चे कोरोना संक्रमित हो सकते हैं और दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। यह भी निश्चित नहीं है कि बच्चों में संक्रमण की दर वयस्कों की तुलना में कम है।
जानकारी
बच्चों के प्रभावित होने के नहीं मिले हैं संकेत- AIIMS निदेशक
तमाम विशेषज्ञों की चेतावनी के बीच 24 मई को दिल्ली स्थिति अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं।
हालात
दुनियाभर में सामने आ चुके हैं बच्चों के संक्रमित होने के मामले
बता दें कि दुनिया भर से बच्चों के संक्रमित होने के मामले सामने आ चुके हैं। किशोरों पर कोरोना संक्रमण के प्रभाव पर अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा था कि इस साल जनवरी-मार्च में अस्पताल में भर्ती कराए गए कोरोना संक्रमित किशोरों में से एक तिहाई को गहन देखभाल इकाइयों में भर्ती कराया गया था।
इसके अलावा उनमें से पांच प्रतिशत किशोरों को सांस लेने में तकलीफ होने पर ऑक्सीन दी गई थी।