
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के नहीं मिले हैं संकेत- AIIMS निदेशक
क्या है खबर?
देश में अभी कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर चल रही है, लेकिन कई विशेषज्ञ इसके बाद तीसरी लहर भी आने की आशंका जता चुके हैं।
इनमें केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन भी शामिल है। विशेषज्ञों ने तीसरी लहर में बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई है।
हालांकि, अब केंद्र सरकार ने कहा है कि महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।
हालात
बच्चों में तेजी से फैल रहा है कोरोना संक्रमण
वर्तमान में कई राज्यों से बच्चों के तेजी से संक्रमण फैलने के मामले सामने आए हैं।
राजस्थान के दौसा और सीकर में 22 दिनों में 300 से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वहीं 83 दिनों में 1,757 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं।
इसी तरह मध्य प्रदेश के सागर जिले में 30 दिन में 302 बच्चे संक्रमित हो चुके हैं। उत्तराखंड में 20 दिनों में 2,044 बच्चे संक्रमित हुए हैं। हालांकि सभी उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं।
आशंका
कई विशेषज्ञों ने जताई तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका
बता दें कि अब तक कई विशेषज्ञ महामारी की तीसरी लहर में बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जता चुके हैं।
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ संजय देशमुख ने एक गणितीय अनुमान के आधार पर कहा है कि पहली लहर में दो प्रतिशत के कम बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन दूसरी लहर में यह आंकड़ा 11 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
ऐसे में संभावित तीसरी लहर में 28-30 प्रतिशत बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
जानकारी
बच्चों के प्रभावित होने को लेकर विशेषज्ञों का यह है तर्क
दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में देश में 18 साल तक के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। ऐसे में तीसरी लहर में वैक्सीन के कारण बड़े तो संक्रमण से बच निकलेंगे, लेकिन वायरस बच्चों को अपना निशाना बना सकता है।
स्पष्ट
तथ्यों पर आधारित नहीं है आशंकाएं- गुलेरिया
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली स्थिति अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बहुत दिनों से कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित होंगे, लेकिन पीडियाट्रिक एसोसिएशन ने कहा कि ये तथ्यों पर आधारित नहीं है और बच्चों को इससे खतरा नहीं होना चाहिए। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के संकेत भी नहीं मिले हैं।
सुरक्षित
संक्रमित होने पर भी दिखेंगे बहुत हल्के लक्षण- गुलेरिया
डॉ गुलेरिया ने कहा, "अगर पहली और दूसरी लहर का डाटा देखें तो यह बहुत समान है और दर्शाता है कि इस संक्रमण से बच्चे सुरक्षित रहेंगे। वह संक्रमित होते भी हैं तो बहुत हल्के लक्षण नजर आएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "वायरस वही है, बदला नहीं है। इसलिए ऐसा कोई संकेत नहीं है कि तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे। वायरस रेसपेस्टोर के साथ शरीर में आता है और बच्चों में ये बड़ों के मुकाबले बहुत कम होता है।"
संभावना
संभावनाओं को देखते हुए है तैयारी करने की जरूरत- गुलेरिया
डॉ गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए हमे इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। लोगों को लग रहा है कि अब तक बच्चे घरों में ज्यादा सुरक्षित हैं, लेकिन स्कूल-कॉलेज खुलने के बाद केस बढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा अब तक बच्चों में आए संक्रमण के मामलों में उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। जिन बच्चों को भर्ती किया गया था वह अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे।
संक्रमण
देश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,22,315 नए मामले सामने आए और 4,454 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,67,52,447 हो गई है। इनमें से 3,03,720 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 27,20,716 रह गई है। भारत से पहले केवल अमेरिका और ब्राजील ऐसे देश है, जहां कोरोना से तीन लाख से अधिक मौतें हुई हैं।