केंद्र की राज्यों के साथ बैठक, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए दिए ये सुझाव
देश के कुछ राज्यों में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इन राज्यों को अब तक की लड़ाई से सबक सीखते हुए कदम उठाने की सलाह दी है। केंद्र सरकार ने इन राज्यों को अब तक की सीखों को कड़ाई से लागू करने, व्यवस्थित तरीके से कंटेनमेंट करने और स्वास्थ्य सेवाओं में खामियों को दूर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कदम उठाने को कहा है।
बैठक में इन राज्यों के मुख्य सचिव हुए शामिल
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुए एक उच्च स्तरीय बैठक में केंद्र ने राज्यों को छह महत्वपूर्ण कदम उठाने को कहा है। इस बैठक में आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, झारखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी शामिल हुए थे। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी और कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाई गई टास्क फोर्स के सदस्य भी शामिल हुए।
बैठक में इन मुद्दों पर हुई बात
कैबिनेट सचिव गाबा ने राज्यों को कहा की कोरोना वायरस के खिलाफ अब तक की लड़ाई से कंटेनमेंट, संक्रमण पर नजर रखने, संक्रमण की चेन तोड़ने और मृत्यु दर को नीचे लाने की रणनीति समझ आ चुकी है। गाबा ने कहा कि अब मामला इन सीखों को लागू करने या नहीं करने का है। उन्होंने कहा कि राज्यों के मुख्य सचिवों को रणनीति में आने वाली खामियों पर नजर रख उन्हें दूर करना चाहिए।
अकेला लॉकडाउन संक्रमण रोकने के लिए पर्याप्त नहीं- गाबा
बैठक में केंद्र ने कहा कि जिन राज्यों ने कम अवधि के या स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू किए थे, उन्हें संक्रमण के कंटेनमेंट और उनके मामलों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। साथ ही साथ उन्हें अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर भी ध्यान देना चाहिए।
स्वास्थ्यकर्मियों का बोझ करने के लिए नीति की जरूरत- केंद्र
केंद्र ने राज्यों से कहा कि बढ़ते संक्रमण के कारण स्वास्थ्यकर्मियों पर भी बोझ बढ़ेगा। इसलिए उनके काम के लिए साफ नीति की जरूरत है। उन्हें काम के हिसाब से छुट्टी मिलती रहे और उपलब्ध कर्मचारियों का सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए। केंद्र ने यह भी कहा है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों को संभालने के लिए राज्यों को रिटायर डॉक्टरों को वापस बुलाने, MBBS के अंतिम वर्ष के छात्रों को काम पर लगाने जैसे विकल्प देखने चाहिए।
जरूरी दवाओं की आपूर्ति में न हो कमी- केंद्र
साथ ही राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं में सालों से चले आ रही खामियों की तरफ ध्यान दिलाते हुए केंद्र ने राज्यों से इस संबंध में विस्तृत योजना बनाने को कहा है। केंद्र ने कहा कि राज्य ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग किट और दवाओं का पर्याप्त इंतजाम करें। इनके इंतजाम में देरी होने से गंभीर नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। केंद्र ने कहा कि मुख्य सचिव ये सुनिश्चित करें कि जरूरी दवाओं की आपूर्ति में देरी न हो।
दिल्ली, गोवा और केरल से सबक लें बाकी राज्य- केंद्र
केंद्र ने यह भी कहा कि केरल, दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों से सीखा जा सकता है कि स्थिति को नियंत्रण में किया जा सकता है। वहीं कर्नाटक का अनुभव यह बताता है कि स्थिति एकदम से खराब भी हो सकती है। इसलिए सभी राज्यों से दृढ़ निश्चय की अपेक्षा की जाती है। साथ ही राज्यों को समय-समय पर लोगों के साथ संचार के लिए प्रभावी प्रणाली बनाने को कहा गया है।