उत्तर प्रदेश: 60 मामले दर्ज होने के बावजूद शीर्ष अपराधियों में शामिल नहीं था विकास दुबे
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश का खूंखार अपराधी विकास दुबे घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों को मारने के दो दिन बाद भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
इसी बीच उसकी कॉल रिकॉर्डिंग से पता चला है कि कम से कम 24 पुलिसकर्मी उसके संपर्क में थे।
वहीं इस घटना से पहले उसके खिलाफ 60 आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद वह उत्तर प्रदेश के 10 सबसे ज्यादा वांछित अपराधियों में शामिल नहीं था।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
अपराध
हिस्ट्रीशीटर अपराधी है विकास दुबे
हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे 2001 में उस समय चर्चा में आया था, जब उसने थाने में घुसकर भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोेष शुक्ल की हत्या कर दी थी।
उसके खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थाने में हत्या होने के बावजूद किसी पुलिसवाले ने उसके खिलाफ गवाही नहीं दी।
इसके अलावा हत्या के कई मामलों में उसका नाम शामिल है। वह कब्जे छुड़ाने और अवैध कब्जे करने में माहिर माना जाता है।
हमला
अब वह चर्चा में क्यों है?
विकास दुबे का नाम इस वक्त चर्चा में इसलिए है क्योंकि उसे पकड़ने गई पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया गया था।
इस हमले में एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। यह पूरी घटना कानपुर देहात के शिवली थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में हुई थी।
इसके बाद से पुलिस उसको गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटी है, लेकिन अभी तक वह पुलिस की पहुंच से बाहर है।
शक
पुलिस वालों पर ही जानकारी लीक करने का शक
हाल ही में चौबेपुर पुलिस थाना के SHO विनय तिवारी को निलंबित किया गया है। शक है कि उन्होंने पुलिस की कार्रवाई की जानकारी विकास तक पहुंचाई थी।
कॉल डिटेल्स में पता चला कि तिवारी के अलावा चौबेपुर थाने के दो और शिवराजपुर थाने के कुछ पुलिसकर्मी लगातार विकास दुबे के संपर्क में थे और उसे पुलिस की कार्रवाई के बारे में जानकारी दे रहे थे।
इसी वजह से उसके आदमी घात लगाकर पुलिस पर हमला करने में कामयाब रहे।
हैरानी
शीर्ष अपराधियों की सूची में नहीं था विकास का नाम
जांच में यह भी सामने आया है कि इतने आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद विकास का नाम जिला पुलिस थाने के शीर्ष 10 अपराधियों में शामिल नहीं था। न ही उसकी गैंग के बारे में जानकारी दर्ज थी।
यहां तक की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा पुलिस मुख्यालय मे भेजी गई शीर्ष 25 अपराधियों की सूची में भी उसका नाम नहीं था।
बताया जा रहा है कि विकास ने राजनीति में जाने के लिए अपराध की राह पकड़ी थी।
जानकारी
विकास के मध्य प्रदेश में छिपे होने का शक
वहीं जांच में जुटी पुलिस को उसकी अंतिम लोकेशन औरैया में मिली है। माना जा रहा है कि वह मध्य प्रदेश में कहीं छिपा है। पुलिस उससे जुड़े ठिकानों पर दबिश दे रही है और अब तक कोई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।