श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में तीन दिन में हुई नौ लोगों की मौत, रेलवे ने दी सफाई
लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन अब इन ट्रेनों में लोगों की मौत का सिलसिला शुरू हो चुका है। सोमवार से बुधवार तक इन ट्रेनों में नौ लोगों की मौत हो गई। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। हालांकि, रेलवे इन मौतों के पीछे पुरानी बीमारियों को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर हुई ढाई साल के बच्चे की मां की मौत
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार गत सोमवार को अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर पहुंची ट्रेन में उरेश खातून (35) की मौत हो गई। रेलवे पुलिस ने उसके शव को स्टेशन पर उतारा। उस दौरान ट्रेन में सवार लोगों ने आरोप लगाया कि भीषण गर्मी और खाने-पीने के कमी के कारण महिला की मौत हुई है। हालांकि, बाद में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक (DSP) रमाकांत उपाध्याय ने बताया कि महिला को पहले से हृदय संबंधी बीमारी थी।
महिला की मौत का वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल
राजद नेता तेजस्वी यादव के सहयोगी संजय यादव ने महिला की मौत से जुड़े एक वीडियो को ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। यादव ने ट्वीट में लिखा, 'छोटे बच्चे को नहीं मालूम कि जिस चादर के साथ वह खेल रहा है वह हमेशा के लिए मौत की गहरी नींद सो चुकी माँ का कफ़न है। 4 दिन ट्रेन में भूखे-प्यासे रहने के कारण इस माँ की मौत हो गयी। ट्रेनों में हुई इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन?'
यहां देखें घटना का मार्मिक वीडियो
मुजफ्फरपुर स्टेशन पर ही हुई साढ़े चार साल के बच्चे की मौत
सोमवार को ही मुजफ्फरपुर स्टेशन पर दिल्ली से अपने पिता के साथ आए एक साढ़े चार साल के बच्चे की मौत हो गई। उसके पिता मकसूद आलम उर्फ मोहम्मद पिंटू ने आरोप लगाया कि तेज गर्मी और दूध नहीं मिलने से उसके बेटे की मौत हुई है। इन आरोपों के बाद DSP उपाध्याय ने बताया कि बच्चे की मौत गर्मी और भूख के कारण नहीं हुई है। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार वह बालक लंबे समय से बीमार था।
दानापुर स्टेशन पर हुई बुजुर्ग की मौत
इसी तरह मुंबई-दरभंगा ट्रेन से आए 70 वर्षीय बासित्थ महतो की भी दानापुर स्टेशन पर मौत हो गई। रेलवे ने इस पर कहा है कि महतो मुंबई से अपना इलाज कराकर लौट रहे थे। ट्रेन में अचानक तबीयत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई।
वाराणसी स्टेशन पर हुई दो प्रवासी मजदूरों की मौत
रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को मुंबई-वाराणसी ट्रेन में वाराणसी के पास मंडुआडीह स्टेशन पर दो प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। इनमें एक की पहचान दिव्यांग जौनपुर निवासी दशरथ प्रजापति (30) और दूसरे की पहचान आजमगढ़ निवासी रामरतन (63) के रूप में हुई है। दोनों के शव बलिया स्टेशन पर उतारे गए थे। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने बताया कि दशरथ को किडनी रोग तथा रामरनत अन्य रोग से पीडि़त था। इससे उनकी मौत हो गई।
बलिया स्टेशन पर बीमारी से हुई वृद्ध की मौत
इसी तरह बलिया स्टेशन पर ही मंगलवार रात को बिहार के सारण निवासी भूषण सिंह (58) की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि वह भी पहले से बीमार था और सूरत-हाजीपुर ट्रेन में सवार होने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी।
कानपुर में हुई दो युवकों की मौत
रेल प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार रात को झांसी-गोरखपुर ट्रेन के कानपुर पहुंचने पर उसमें से दो युवकों की शव उतारे गए थे। इनमें से एक की पहचान जहानागंज के मकरौंडा निवासी अवध चौहान (45) के रूप में हुई है, जबकि दूसरे की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि मृतक चौहान श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए मुंबई से झांसी पहुंचे थे और वहां से गोरखपुर जा रहे थे। उन्हें लंबे समय से शुगर की समस्या थी।
सागर स्टेशन पर मिला युवक का शव
रेलवे अधिकारियों ने बतया कि इसी तरह उत्तर प्रदेश के बहराइच निवासी शेख सलीम (45) का शव मध्य प्रदेश के सागर स्टेशन पहुंचने पर वापी-दीन दयाल उपाध्याय स्पेशल ट्रेन में मिला था। फिलहाल उसका मौत का कारण सामने नहीं आया है।
रेलवे ने मौत के लिए बीमारियों को ठहराया जिम्मेदार
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में श्रमिकों की मौत होने की लगातार खबरे आ रही हैं। लोग तेज गर्मी और खाने-पीने की कमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, लेकिन दिल्ली में रेलवे के प्रवक्ता का कहना है कि जिन लोगों की मौत हुई है, वह सभी पुरानी बीमारियों से पीड़ित थे। ट्रेनों में यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आ रहा है कि वो सभी पुरानी बीमारियों से पीडि़त चल रहे थे।