केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, चार राज्यों ने चिकित्साकर्मियों को नहीं किया समय पर भुगतान
कोरोना वायरस महामारी के दौर में चिकित्साकर्मी अपनी जान पर खेलकर संक्रमित लोगों की जान बचाने में जुटे हैं। इसके बाद भी कई राज्यों में चिकित्साकर्मियों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने चार राज्यों पर चिकित्साकर्मियों को समय पर भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी चार राज्यों ने भुगतान को लटका दिया।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह दी दलील
HT के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अग्रिम पंक्ति में खड़े चिकित्साकर्मियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उन्हें समय पर भुगान करने का आदेश दिया था। इसके बाद भी पंजाब, महाराष्ट्र, त्रिपुरा और कर्नाटक राज्यों ने शीर्ष अदालत के आदेशों की अवहेलना करते हुए चिकित्साकर्मियों को समय पर भुगतान नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया यह आदेश
केंद्र सरकार की दलील के बाद जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने सरकार को चिकित्साकर्मियों का वेतन भुगतान समय पर कराना सुनिश्चित करने के आदेश दिए। इस दौरान पीठ ने यह भी कहा, "यदि राज्य निर्देशों और आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं तो आप असहाय नहीं हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका आदेश लागू हो। आपको आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत शक्ति मिली है। आप कदम भी उठा सकते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्साकर्मियों के भुगतान को लेकर जून में दिए थे कड़े निर्देश
गत जून में एक डॉक्टर द्वारा चिकित्सा पेशेवरों को समय पर भुगतान नहीं करने, क्वारंटाइन सहित अन्य सुविधाएं नहीं दिए जाने के संबंध में दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़े निर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों और नर्सों को परेशानी को देखते हुए यह भी टिप्पणी की थी कि "युद्ध में, आप अपनी ओर से लड़ने वाले सैनिकों को दुखी नहीं करते हैं।" कोर्ट ने सरकार को मामले का निपटारा करने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्साकर्मियों को बताया था 'पहली रक्षा पंक्ति'
उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में "देश की रक्षा की पहली पंक्ति" हैं। ऐसे में केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इलाज के लिए उन्हें उपयुक्त PPE किट उपलब्ध कराई जाए। इसके बाद केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम (DMA) के तहत कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में लगे डॉक्टरों और नर्सों के वेतन का जल्द भुगतान करने की घोषणा की थी।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 55,078 नए मामले सामने आए और 779 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। ये देश में अब तक एक दिन में सामने आए सबसे अधिक मामले हैं। इससे पहले कल भी 50,000 से अधिक मामले आए थे। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 16,38,870 हो गई है, वहीं 35,747 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 5,45,318 हो गई है।