GST कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ की कमी, वित्तमंत्री ने 'दैवीय घटना' कोरोना को ठहराया जिम्मेदार
वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की 41वीं बैठक गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई। इसमें राज्यों को मिलने वाला GST मुआवजा और कई प्रॉडक्ट पर GST रेट्स रिविजन पर चर्चा हुई। इस दौरान सामने आया कि इस साल GST कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। इसके कारण ही राज्यों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके लिए कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहराया।
वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी को बताया 'दैवीय घटना'
NDTV के अुनसार वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी एक 'दैवीय घटना' घटना है और इसी ने इस साल GST कलेक्शन को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, "इस साल हम एक असाधारण स्थिति का सामना कर रहे हैं। हम एक ऐसी दैवीय घटना का सामना कर रहे हैं जिसमें हम बड़ी आर्थिक गिरावट देख सकते हैं। यही कारण है कि इस साल GST कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपये की भारी कमी आई है।"
पिछले वित्त वर्ष में राज्यों को 1.65 लाख करोड़ मिले
वित्त मंत्री ने कहा कि GST मुआवजा कानून के मुताबिक राज्यों को मुआवजा दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र ने राज्यों को GST मुआवजा के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये दिए थे। इसमें मार्च में दिए गए 13,806 करोड़ भी शामिल है। वित्त वर्ष 2019-20 में सेस कलेक्शन 95,444 करोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल राज्यों को सेस कलेक्शन से 65,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया गया है।
सभी राज्य उठा रहे हैं GST मुआवजा देने की मांग
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण सभी राज्यों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। यही कारण है कि सभी केंद्र सरकार से जल्द से जल्द GST मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सरकार उन राज्यों को पहले GST मुआवजा देने पर विचार कर रही है, जहां लॉकडाउन के अधिक समय के कारण कमाई नहीं हो सकी है। पंजाब सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण उसे इस बाद 25,000 करोड़ का राजस्व घाटा हो सकता है।
मुआवजे की भरपाई के लिए बताए दो विकल्प
वित्त मंत्री ने कहा कि GST मुआवजा की भरपाई के लिए राज्यों के सामने दो विकल्प रखे गए हैं। पहला विकल्प में राज्यों को रिजर्व बैंक से 97,000 करोड़ का स्पेशल कर्ज मिलेगा जिस पर ब्याज दर काफी कम रहेगी। दूसरे में पूरा 2.35 लाख करोड़ का अंतर राज्यों द्वारा रिजर्व बैंक की मदद से वहन किया जाएगा। इसके लिए राज्यों ने सात दिन का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि यह विकल्प केवल चालू वर्ष के लिए है।
भारत के एकीकृत फंड से पूरी नहीं की जा सकती GST कलेक्शन की कमी
अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि GST कलेक्शन में कमी को भारत के एकीकृत फंड से पूरा नहीं किया जा सकता है। जुलाई, 2017 में जब GST लागू हुआ था तो पांच सालों का ट्रांजिशन पीरियड बनाया था। यह वक्त जून 2022 तक है।
कलेक्शन में कमी होने पर नहीं होता है कोई दायित्व- सरकार
गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार GST के मुआवजे का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्रियों का कहना है कि केंद्र का उन पर GST बकाया चुकाने का वैधानिक दायित्व है, लेकिन केंद्र का दावा है कि कलेक्शन में कमी होने पर कोई दायित्व नहीं होता है। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने ट्वीट किया है कि पंजाब के 4,000 करोड़ बकाया है और 1,800 करोड़ के वेतन बिल हैं। राज्य चलाना मुश्किल हो रहा है।