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UPSC को पत्र लिखकर मास कम्युनिकेशन को ऑप्शनल विषय में शामिल करने की हो रही मांग

UPSC को पत्र लिखकर मास कम्युनिकेशन को ऑप्शनल विषय में शामिल करने की हो रही मांग

Sep 12, 2019
02:05 pm

क्या है खबर?

मास कम्युनिकेशन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विस की मुख्य परीक्षा के लिए ऑप्शनल विषय में शामिल करने की अब तेजी से मांग हो रही है। हाल ही में मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने वाले छात्रों ने UPSC को एक पत्र लिखा है, जिसमें जल्द से जल्द मास कम्युनिकेशन को ऑप्शनल विषय की लिस्ट में शामिल करने के लिए कहा गया है। छात्रों का कहना है कि इससे कई छात्र प्रभावित हो रहे हैं।

पत्र

छात्रों ने पत्र में लिखा ये

छात्रों ने पत्र में लिखा है कि ये लोकप्रिय, पुराना, प्रासंगिक और स्थापित विषय है। जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन पिछले 70 से भी अधिक सालों से भारत के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है। इसके बावजूद इसकी पढ़ाई करने वाले छात्रों को सिविल सर्विस की परीक्षा के लिए दूसरा विषय चुनना पड़ता है। इसलिए, अब छात्र चाहते हैं कि परीक्षा में मास कम्युनिकेशन का विकल्प भी होना चाहिए।

सर्वे

एक शिक्षक ने किया ऑनलाइन सर्वे

छात्रों ने पत्र में ये भी कहा कि वे इसके लिए UPSC के साथ-साथ राज्य स्तर के अन्य लोक सेवा आयोगों को भी पत्र लिख चुके हैं। छात्रों का कहना है कि उन छात्रों की परेशानी को समझा जाए, जो पांच साल इस विषय की पढ़ाई करने के बाद एक नए विषय को शुरू से पढ़ते हैं। हाल ही में स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया स्टडीज के शिक्षक डॉ. अमित कुमार ने इसको लेकर ऑनलाइन सर्वे भी किया था।

विषय

इंटरनेशनल स्तर पर इतने सालों से पढ़ाया जा रहा है ये विषय

अगर हम इंटरनेशनल स्तर की बात करें, तो इंटरनेशनल स्तर पर इस विषय को 111 सालों से पढ़ाया जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय में भी इसका अलग से विभाग है। इसके लिए टॉप संस्थानों में माखनलाल चतुर्वेदी जैसे विश्वविद्यालय का नाम आता है। भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालयों से लेकर प्राइवेट विश्वविद्यालय तक सभी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट स्तर के कोर्स प्रदान करते हैं।