चीन के साथ तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेनाध्यक्ष जनरल नरवणे, स्थिति का जायजा लेंगे
क्या है खबर?
चीन के साथ तनाव के बीच सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज सुबह लद्दाख पहुंचे। वह दो दिन के लद्दाख दौरे पर आए हैं और यहां मौजूदा स्थिति और ऑपरेशन तैयारियों का जायजा लेंगे।
'इंडिया टुडे' ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सेना के शीर्ष कमांडर जनरल नरवणे को पूर्व लद्दाख की जमीनी स्थिति का ब्यौरा देंगे।
पैंगोग झील के दक्षिणी किनारे पर चीन के साथ तनाव के बीच सेनाध्यक्ष नरवणे का ये पहला लद्दाख दौरा है।
तीसरा दौरा
चीन के साथ तनाव के बीच तीसरी बार लद्दाख पहुंचे जनरल नरवणे
मई में चीन के साथ तनाव की शुरूआत के बाद से अब तक जनरल नरवणे तीन बार लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। सबसे पहले वह 15 जून को गलवानी घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प के एक हफ्ते बाद लद्दाख पहुंचे थे। उन्होंने यहां झड़प में घायल हुए सैनिकों से मुलाकात भी की थी।
इसके बाद वह 3 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लद्दाख के लेह पहुंचे थे।
पैंगोंग झील
भारतीय सेना ने नाकाम की थी चीन की घुसपैठ की कोशिश
गौरतलब है कि मई के बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई जगह घुसपैठ कर चुके चीनी सैनिकों ने 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ कर यहां भी यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी।
हालांकि भारतीय सैनिकों को उसकी इस चाल की भनक लग गई और उन्होंने चीनी सैनिकों के पहुंचने से पहले ही इलाके की चोटियों पर कब्जा कर लिया। अभी इलाके की कई चोटियां भारतीय सेना के नियंत्रण में हैं।
स्थिति
दोनों देशों ने तैनात किए टैंक, स्थिति बेहद तनावपूर्ण
भारतीय सेना की इस शहमात से चीन बौखला गया है और उसके सैनिक कई बार इन चोटियों पर फिर से कब्जा करने की कोशिश कर चुके हैं। हालांकि भारतीय सैनिकों ने हर बार उन्हें दूर से ही वापस लौटा दिया है।
चीन ने इलाके में अपने टैंक भी तैनात कर दिए हैं और इसके जबाव में भारत ने भी टैंक तैनात किए हैं। दोनों देशों के टैंक एक-दूसरे की रेंज में हैं और स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है।
स्थिति
अन्य जगहों पर क्या स्थिति है?
अन्य जगहों की बात करें तो चीन ने मई-जून में LAC पर जिन पांच जगहों पर अतिक्रमण और घुसपैठ की थी, उनमें से तीन- देपसांग, गोगरा और पैंगोंग झील के फिंगर्स एरिया- में चीनी सैनिक अभी भी बने हुए हैं।
पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर्स एरिया में चीनी सैनिक अभी भी फिंगर चार की चोटी पर बने हुए हैं, वहीं भारतीय सैनिकों पिछले एक-दो दिन में इसके सामने वाली चोटी पर आकर बैठ गए हैं।
नापाक मंसूबे
अक्साई चिन में भी चीन ने जमा किए 50,000 सैनिक
इसके अलावा चीन ने अक्साई चिन में भी अपने तकरीबन 50,000 सैनिक जमा कर रखे हैं और इसके कारण उसके मंसूबों पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
भारत को आशंका है कि चीन रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण काराकोरम पास पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है और इसी खतरे को देखते हुए उसने काराकोरम के पास दौलत बेग ओल्डी (DBO) में टी-90 मिसाइल टैंक तैनात किए हैं। LAC पर 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की जा रही है।