सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को झटका, कर्नाटक को ऑक्सीजन सप्लाई के आदेश पर रोक से इनकार
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत ला दी है। प्रतिदिन राज्यों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौतें हो रही है। ऐसे में राज्यों ने न्यायालय की शरण में जाना शुरू कर दिया है। बुधवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्र को 1,200 मीटि्रक टन ऑक्सीजन सप्लाई के आदेश दिए थे। केंद्र सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी, लेकिन शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिए थे 1,200 मीटि्रक टन ऑक्सीजन सप्लाई के आदेश
महामारी की दूसरी लहर में कर्नाटक के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की बड़ी किल्लत हो रही है। इसको लेकर अस्पतालों ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। 5 मई को इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्य को प्रतिदिन की जाने वाली 965 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई को बढ़ाकर 1,200 मीट्रिक टन करने का आदेश दिया था। इस आदेश को केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी।
केंद्र सरकार ने यचिका में दी थी यह दलील
याचिका में केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि कर्नाटक को अभी 965 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में हाई कोर्ट का यह आदेश देश में ऑक्सीजन आपूर्ति में केंद्र की समस्या बढ़ा देगा। इस पर रोक लगानी चाहिए।
कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश में नहीं देंगे दखल- सुप्रीम कोर्ट
मामले की सुनवाई में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हम कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश में दखल नहीं देंगे। 3.95 लाख मामलों पर कर्नाटक के अनुसार 1,700 मीट्रिक टन आवश्यकता है और 1100 मीट्रिक टन न्यूनतम आवश्यकता है। हाई कोर्ट ने इस मामले में असाधारण कैलिब्रेटिड अभ्यास किया है। हाई कोर्ट इस समय आंख मींच कर नहीं बैठ सकता है।" उन्होंने केंद्र को हाई कोर्ट के आदेशों की पालना करने के लिए कहा है।
हाईकोर्ट को ही ऑक्सीजन का वितरण करने दें- मेहता
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि तो फिर हाईकोर्ट को ही ऑक्सीजन का वितरण करने दें। वर्तमान में मद्रास, तेलंगाना सभी हाईकोर्ट आदेश दे रहे हैं और सरकार के पास ऑक्सीजन की एक सीमित मात्रा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल हाई कोर्ट के आदेश में दखल नहीं देगा। हालांकि, हम सही मौका आने पर वह जरूर दखल देगा। वह कर्नाटक के लोगों को बीच में लटकाकर नहीं रख सकता।'
दिल्ली को प्रतिदिन की जाए 700 मीटि्रक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति- सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने के मामले में भी सुनवाई की। इसमें केंद्र ने कहा कि उन्हें दिल्ली को भी 700 मीटि्रक टन ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए कहा गया है। यह बड़ी समस्या है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम साफ करना चाहते हैं कि अगले आदेशों तक आपको दिल्ली को प्रतिदिन 700 मीटि्रक टन ऑक्सीजन देनी होगी। हमें सरकार के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करें।"
शुक्रवार सुबह 9 बजे तक मिली सिर्फ 89 मीटि्रक टन ऑक्सीजन- मेहरा
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पूरी ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं की जा रही है। शुक्रवार सुबह 9 बजे तक दिल्ली को महज 89 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी।
कर्नाटक और दिल्ली में यह है संक्रमण की स्थिति
कर्नाटक में गुरुवार को संक्रमण के 49,058 नए मामले सामने आए हैं और 328 मरीजों की मौत हुई है। इसके साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 17,90,107 पर पहुंच गई है। इनमें से 17,212 मरीजों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में 5,17,095 सक्रिय मामले हैं। इसी तरह दिल्ली में 19,133 नए मामले आए और 335 लोगों की मौत हुई है। संक्रमितों की कुल संख्या 12,73,035 पर पहुंच गई। इनमें से 18,395 की मौत हो चुकी है।