NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    जम्मू-कश्मीर
    क्राइम समाचार
    कोरोना वायरस
    कोरोना वायरस वैक्सीन
    लखीमपुर रेप-हत्याकांड
    हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH)
    भू-धंसाव
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / देश की खबरें / सुप्रीम कोर्ट ने OTT कंटेंट को रेगुलेट करने के मामले में सरकार से मांगा हलफनामा
    देश

    सुप्रीम कोर्ट ने OTT कंटेंट को रेगुलेट करने के मामले में सरकार से मांगा हलफनामा

    सुप्रीम कोर्ट ने OTT कंटेंट को रेगुलेट करने के मामले में सरकार से मांगा हलफनामा
    लेखन भारत शर्मा
    Feb 16, 2021, 08:04 pm 1 मिनट में पढ़ें
    सुप्रीम कोर्ट ने OTT कंटेंट को रेगुलेट करने के मामले में सरकार से मांगा हलफनामा

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम जैसे OTT प्लेटफॉर्म पर कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा OTT प्लेटफॉर्म पर कंटेंट को रेगुलेट करने करने के लिए अब तक उठाए गए सभी कदमों की जानकारी मांगी। इसके अलावा कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में छह सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने के भी आदेश दिए हैं। आगे पढ़े विस्तृत खबर।

    OTT कंटेंट को रेगुलेट करने करने के संबंध में दायर की थी याचिका

    इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अधिवक्ता शशांक शेखर झा और अपूर्वा अरहतिया ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए विभिन्न OTT और डिजिटल प्लेटफार्मों पर कंटेंट की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक उचित बोर्ड या संस्थान की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि फिलहाल सिनेमा हॉल खुलने की संभावना नहीं है। ऐसे में OTT प्लेटफॉर्म फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को अपनी फिल्मों और सीरीजों को बिना आधिकारिक मंजूरी के प्रसारण की अनुमति देंगे।

    बिना किसी जांच के OTT प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जा रहा है कंटेंट

    याचिका में कहा गया था कि डिजिटल कंटेंटों की निगरानी और प्रबंधन के लिए कोई कानून या स्वायत्त निकाय नहीं है। ऐसे में कंटेंट को बिना किसी जांच और स्क्रीनिंग के OTT प्लेटफॉर्म के जरिए बड़े पैमाने पर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें अश्लील कंटेंट भी शामिल है। याचिका में यह भी कहा गया था कि सरकार की ओर से अभी तक OTT कंटेंट की निगरानी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

    किसी भी OTT प्लेटफॉर्म ने स्व-नियमन पर नहीं किए हस्ताक्षर

    याचिका में यह भी कहा गया था कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, जी5 और हॉटस्टार सहित OTT/स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मो में से किसी ने भी फरवरी 2020 से सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए सेल्फ-रेगुलेशन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। ऐसे में इस सख्ती जरूरी है।

    OTT कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए क्या कदम उठा रही सरकार- सुप्रीम कोर्ट

    मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने पूछा कि OTT कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इस पर केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिस्टिर जनरल केएम नटराज ने कहा कि यह मुद्दा अभी विचाराधीन है और अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं किया है, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने पर विचार कर रही है।

    "आप क्या कर रहे हैं और क्या करना चाहते हैं?"

    CJI ने पूछा, "आप क्या कर रहे हैं, क्या कानून बना रहे हैं? आप क्या करना चाहते हैं? कोर्ट केवल आपके विचार-विमर्श को स्वीकार नहीं कर सकती है। ऐसे में सरकार को आगामी छह सप्ताह में इस संबंध में कोर्ट में हलफनामा दाखिल करना होगा।" CJI ने आगे कहा कि इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में मामले को लंबित याचिकाओं के साथ टैग किया जा रहा है। हलफनामा पेश होने के बाद सुनवाई की जाएगी।

    पिछले साल भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा था जवाब

    बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में भी सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न OTT/स्ट्रीमिंग और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों पर कंटेंट की निगरानी और प्रबंधन के लिए एक उचित संस्थान की स्थापना के लिए दायर की गई एक जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था।

    यह है OTT प्लेटफॉर्म का सेल्फ-रेगुलेशन कोड

    इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने 11 फरवरी को यूनिवर्सल सेल्फ-रेगुलेशन कोड को लागू करने के लिए एक 'टूलकिट' को अडॉप्ट करने का ऐलान किया था। यह कोड 4 सितंबर, 2020 को लाया गया था और इसे 17 मुख्य स्ट्रीमिंग सर्विसेज ने साइन किया है। IAMAI के अनुसार इस 'टूलकिट' का उद्देश्य इस कोड के प्रावधानों को लागू करने की प्रक्रिया देने का और OTT प्लेटफॉर्म्स को उनकी जिम्मेदारियां पूरा करने का अवसर देना है।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    नेटफ्लिक्स
    अमेजन
    केंद्र सरकार
    जनहित याचिका
    सुप्रीम कोर्ट

    नेटफ्लिक्स

    नेटफ्लिक्स की रिपोर्ट में जियोफाइबर सबसे आगे, मिली 3.6Mbps की औसत स्पीड इंटरनेट
    अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रिलीज होगी नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'बॉम्बे बेगम्स' बॉलीवुड समाचार
    आलिया भट्ट की 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के डिजिटल राइट्स 70 करोड़ रुपये में बिके- रिपोर्ट आलिया भट्ट
    सान्या मल्होत्रा ​​की फिल्म 'पगलैट' नेटफ्लिक्स पर होगी रिलीज मुंबई

    अमेजन

    भारत में अमेजन अलेक्सा के हुए तीन साल, 2020 में 67 प्रतिशत बढ़ा इस्तेमाल अमेजन अलेक्सा
    कौन हैं जेफ बेजोस के बाद अमेजन के अगले CEO बनने वाले एंडी जेस्सी? जेफ बेजोस
    इसी साल अमेजन के CEO पद से इस्तीफा दे देंगे जेफ बेजोस जेफ बेजोस
    भारतीय युवाओं के लिए अमेजन प्राइम मेंबरशिप 50% छूट के साथ उपलब्ध भारत की खबरें

    केंद्र सरकार

    बजट 2021: वित्त मंत्री की घोषणाओं के साथ क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा? निर्मला सीतारमण
    बजट 2021: सरकार का इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर, हुई ये घोषणाएं वित्त मंत्रालय
    कोरोना वायरस: भारत को जून तक मिल सकती है SII की एक और वैक्सीन 'कोवावैक्स' वैक्सीन समाचार
    संसद की कैंटीन में अब नहीं मिलेगी सब्सिडी, खाने के लिए चुकाने होंगे इतने रुपये लोकसभा

    जनहित याचिका

    सुप्रीम कोर्ट ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर फेसबुक और व्हाट्सऐप को जारी किया नोटिस दिल्ली हाई कोर्ट
    सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका, फर्जी खबरों के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराने की मांग फेसबुक
    केंद्र सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए डिसइंफेक्शन टनल के इस्तेमाल को बताया हानिकारक केंद्र सरकार
    केदारनाथ त्रासदी में लापता हुए लोगों के अवशेषों की तलाश के लिए विशेषज्ञ समिति गठित उत्तराखंड

    सुप्रीम कोर्ट

    इस्लाम या ईसाई धर्म अपना चुके दलितों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ- कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद
    प्रदर्शन का अधिकार, लेकिन ये कहीं भी और कभी भी नहीं हो सकता- सुप्रीम कोर्ट नागरिकता कानून
    सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गांवों को लेकर आंध्र और ओडिशा का विवाद, 19 फरवरी को अगली सुनवाई ओडिशा
    फेक न्यूज के खिलाफ व्यवस्था बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सरकार और ट्विटर को नोटिस ट्विटर

    देश की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    India Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू IPL 2023
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023