खनिज संसाधनों की खोज के लिए अब केंद्र सरकार खनन कंपनियों को देगी लाइसेंस
क्या है खबर?
केंद्र सरकार अब खनिजों के लिए एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (EL) की नीलामी खुद करेगी। राज्य सरकारें खनिज संसाधनों की खोज के लिए जूनियर कंपनियों को आकर्षित करने में असफल रही हैं।
केंद्र ने 29 महत्वपूर्ण खनिजों के लिए EL की नीलामी का काम अपने हाथ में लिया है, क्योंकि राज्य सरकारों ने इस प्रक्रिया में धीमा और असंयमित कदम उठाए।
नीलामी के बाद केंद्र विजेता कंपनी का नाम राज्य सरकार को बताएगा और राज्य फिर उसे लाइसेंस प्रदान करेगी।
खोज
इन खनिजों की कि जाएगी खोज
केंद्र ने पिछले साल खनिज संसाधनों की खोज और खनन के लिए नया नियम लागू किया, जिसके तहत 29 महत्वपूर्ण खनिजों के लिए लाइसेंस की नीलामी की जा सकती है। इनमें सोना, हीरा, तांबा, लिथियम, निकल, और अन्य खनिज शामिल हैं।
इसका उद्देश्य निजी कंपनियों को खनिजों की खोज में शामिल करना और तकनीकी, वित्तीय मदद प्राप्त करना था। हालांकि, राज्यों ने अलग-अलग तरीके से नीलामी शुरू की, जिससे खनन कंपनियों ने अभियान में हिस्सा लेने से मना कर दिया।
महत्वता
महत्वपूर्ण है खनिजों की खोज
लाइसेंस ब्लॉकों का आकार बड़ा होता है, जिससे विशेष एजेंसियों की जरूरत होती है। जब अलग-अलग राज्य नीलामी करते हैं, तो इन एजेंसियों को विभिन्न सरकारों से संपर्क करना पड़ता है। मंत्रालय ने कहा कि ब्लॉकों की असमान नीलामी से कम प्रतिक्रिया हो सकती है।
अधिक भूवैज्ञानिक जानकारी और स्पष्ट नीलामी मानदंडों से रुचि बढ़ सकती है। गहरे खनिजों की पहचान और खनन मुश्किल और महंगा है, लेकिन ये इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।