कोरोना वायरस: देश में बढ़ते संक्रमण के बीच उठने लगी है राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की मांग
देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने कोहराम मचा दिया है। सरकार के अथक प्रयासों के बाद भी मामलों में गिरावट नहीं आ रही है और प्रतिदिन हजारों लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच अब बिगड़ते हालातों के बीच देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की मांग उठने लगी है। चिकित्सा विशेषज्ञों सहित आम नागरिक इसकी मांग उठा चुके हैं। अब कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के ऑनलाइन सर्वे में भी लोगों ने इसकी मांग की है।
सर्वे में 67.5 प्रतिशत लोगों ने की राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करने मांग
इंडिया टुडे के अनुसार CAIT की ओर से महामारी की दूसरी लहर में बिगड़ते हालातों की बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर लोगों की राय जानने के लिए ऑनलाइन सर्वे करया था। इसमें देशभर के 9,000 लोगों ने हिस्सा लिया था। सर्वे में शामिल लोगों में से 78.2 प्रतिशत ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि दूसरी लहर बेकाबू हो गई है। इसी तरह 67.5 प्रतिशत लोगों ने इस लहर से बाहन निकलने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वकालत की है।
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सर्वे के आधार पर की लॉकडाउन की अपील
सर्वे के डाटा के आधार पर CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए तत्काल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करना संभव नहीं है तो प्रभावित राज्यों में इसे सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। इसके बाद ही देश को इस लहर से बचाया जा सकता है।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का दिया आश्वासन
खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू करने पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि व्यापारिक समुदाय पिछले वर्ष की तरह इस बार भी सरकार का पूरा सहयोग करने के लिए तैयार खड़ा है।
नुकसान से पहले महामारी की बिगड़ी स्थिति को नियंत्रित करना जरूरी
CAIT सदस्यों ने कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से सबसे अधिक नुकसान व्यापारियों को होगा, लेकिन वर्तमान में वायरस के कारण बिगड़ी स्थिति को नियंत्रित करना सबसे जरूरी है। हालांकि, इस दौरान सदस्यों ने सरकार से लॉकडाउन लागू करने पर व्यापारियों के हितों को देखते हुए GST और अन्य करों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने तथा बैंकों को EMI सहित अन्य वित्तीय देनदारियों की वसूली रोकने के आदेश देने की भी मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी कही लॉकडाउन पर विचार करने की बात
बता दें कि गत दिनों महामारी से बिगड़े हालातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को लॉकडाउन लागू करने पर विचार करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था, "महामारी की दूसरी लहर में संक्रमणों में लगातार बढ़ोतरी होती नजर आ रही है। हम केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि वो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए प्रयासों और भविष्य में लॉकडाउन जैसे उपायों पर विचार करें।"
भारत में स्थिति सुधारने के लिए लॉकडाउन की जरूरत- फाउची
1 मई को अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ और राष्ट्रपति जो बाइडन के चिकित्सा सलाहकार डॉ एंथनी फाउची ने भी भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए तुरंत कुछ सप्ताह का लॉकडाउन लागू करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि भारत में लॉकडाउन से संक्रमण का प्रसार धीमा हो सकता है। उनके इस बयान का समर्थन करते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (JCCJ) प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भी लॉकडाउन की मांग की थी।
टास्क फोर्स ने भी दी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की सलाह
कोरोना महामारी पर तकनीकी सलाह देने के लिए गठित विशेषज्ञों की टास्क फोर्स लगातार सरकार को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने की बात कह रही है। टास्क फोर्स का कहना है कि कोरोना के मामलों में तेज इजाफा और अधिक खतरनाक वेरिएंट के कारण पहले से दबाव झेल रही स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ और बढ़ गया है। उन्होंने आगे कहा कि अभी जो राज्य छोटे-मोटे प्रयास कर रहे हैं, उनकी जगह राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की जरूरत है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,68,147 नए मामले सामने आए और 3,417 मरीजों की मौत हुई। देश में लगातार दूसरे दिन नए मामलों में कमी आई है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,99,25,604 हो गई है। इनमें से 2,18,959 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 34,13,642 हो गई है।