ब्राजील: थम नहीं रहा कोरोना का कहर, एक दिन में हुईं 4,000 से अधिक मौतें
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के कारण तेजी से बढ़ते मामलों के बीच ब्राजील में बीते दिन 4,000 से अधिक मौतें हुईं। महामारी की शुरुआत के बाद एक दिन में हुई मौतों की ये सबसे बड़ी संख्या है। देश के कई शहरों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की कगार पर पहुंच गई है और अस्पताल पूरी तरह से भर गए हैं। भर्ती होने के इंतजार में गंभीर रूप से संक्रमित लोग दम तोड़ रहे हैं।
पाबंदियां लागू करने के खिलाफ हैं राष्ट्रपति बोल्सोनारो
कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बावजूद राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू करने के खिलाफ हैं। उनका तर्क है कि पाबंदियों के कारण अर्थव्यवस्था को होने वाला नुकसान वायरस के नुकसान से ज्यादा है। उन्होंने कुछ जगहों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गईं पाबंदियों को हटवाने के लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है। साथ ही बोल्सोनारो ने कई जगहों पर क्वारंटीन अनिवार्य करने जैसे कदमों की भी आलोचना की है।
अब तक हो चुकी 3.37 लाख मौतें
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, ब्राजील में अब तक कुल 1.30 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 3.37 लाख लोगों की मौत हुई है। इनमें से 4,150 लोगों की मौत बीते दिन हुई। राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने अपने बयानों में इन मौतों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अकेले मार्च महीने में कोरोना के कारण 66,570 मौतें हुई थीं। अमेरिका के बाद ब्राजील कोरोना से दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है।
"दुनिया के लिए खतरा बन चुका ब्राजील"
BBC से बात करते हुए महामारी पर नजर नजर रख रहे डॉ मिगुअल निकोललिस ने कहा कि ब्राजील अब कोरोना संक्रमण रोकने के लिए वैश्विक प्रयासों के लिए खतरा बन चुका है। उन्होंने कहा कि अगर ब्राजील में हालात काबू में नहीं आये तो यह दुनिया सुरक्षित नहीं हो सकती। यहां हर हफ्ते कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स सामने आ रहे हैं और वो समय के साथ सीमा पार कर दूसरे देशों तक पहुंच जाएंगे।
ऑक्सीजन और दवा की आपूर्ति में आ रही कमी
ब्राजील के अधिकतर राज्यों के अस्पतालों में इनटेंसिव केयर यूनिट (ICU) के 90 प्रतिशत से अधिक बेड भरे हुए हैं। कई राज्यों ने ऑक्सीजन और दवा आपूर्ति में कमी की बात कही है। दूसरी तरफ गंभीर होते हालातों के बावजूद कई राज्यों ने लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियों में ढील देना शुरू कर दिया है। इसके बारे में जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति बोल्सोनारो द्वारा लॉकडाउन के खिलाफ बनाए गए माहौल की जीत हो गई है।
बोल्सोनारो पर लगे हैं महामारी को हल्के में लेने के आरोप
बोल्सोनारो पर शुरुआत से ही महामारी को हल्के में लेने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने वैक्सीन के खिलाफ शंकाओं को हवा दी और गैर-अधिकृत दवाओं को कोरोना वायरस का इलाज बताया था। हालांकि, हाल में ही में उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर अपना रवैया बदला, लेकिन उनके वादों पर कई सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि सरकार वैक्सीन खरीद को लेकर समझौता नहीं कर पाई, जिस कारण देश में वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
20 दिन के लॉकडाउन की जरूरत बता रहे विशेषज्ञ
ब्राजील में अभी तक केवल आठ फीसदी आबादी को वैक्सीन की केवल एक खुराक दी गई है। महामारी विशेषज्ञ इथल मेकैल ने ब्राजील को भयानक स्थिति में करार देते हुए कहा कि जिस रफ्तार से यहां वैक्सीनेशन हो रहा है उसे देखते हुए संक्रमण की रफ्तार धीमी करने के लिए कम से कम 20 दिन के लॉकडाउन की जरूरत है। हालात देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि जुलाई तक यहां पांच लाख मौतें हो चुकी होंगी।