
BCCI से पेमेंट के इंतजार में हैं बिहार के क्रिकेटर्स, दो साल से नहीं मिली पेमेंट
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के कारण पिछले साल से ही भारत की घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताएं काफी ज्यादा प्रभावित हुई हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस साल की शुरुआत में दो प्रतियोगिताएं कराई थीं।
हालांकि, बिहार के क्रिकेटर्स दो सालों से बोर्ड द्वारा पेमेंट पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। बिहार के कई क्रिकेटर्स को दो सीजन से पेमेंट नहीं मिली है। अंडर-19, अंडर-23 और सीनियर सभी खिलाड़ी इससे प्रभावित हुए हैं।
तकलीफ
पेमेंट नहीं मिलने के कारण तकलीफों का सामना कर रहे हैं क्रिकेटर्स
21 साल के तेज गेंदबाज प्रशांत सिंह को पिछले दो सीजन से मैचफीस नहीं मिली है। छपरा में उनके भाई कोरोना संक्रमित हैं और वह इलाज के खर्च को लेकर काफी चिंतित हैं। उनकी मां को भी सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्रशांत अपने घर में अकेले कमाने वाले व्यक्ति हैं।
इसी तरह कई अन्य क्रिकेटर्स को भी दो साल से पेमेंट नहीं मिलने के कारण तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।
बयान
प्रशांत ने बताई अपनी परेशानी
प्रशांत ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनके मोबाइल पर आने वाले हर मैसेज से उन्हें लगता है कि उनके खाते में पैसे आ गए हैं।
उन्होंने आगे कहा, "पिछले साल मुझे अपनी बड़ी बहन की शादी करनी थी जिसके लिए मैंने पैसे उधार लिए थे। सोचा था कि मैचफीस मिलने पर लौटा दूंगा। 2016 में मैंने अपने पिता को खो दिया था। अब तक मुझे पैसे नहीं मिले हैं।"
BCA
BCA ने भी रखा अपना पक्ष
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के मुताबिक BCCI को सब्मिट किए गए वाउचर में गलती होने के कारण पेमेंट में देरी हो रही है।
BCA प्रेसीडेंट राकेश तिवारी ने कहा, "हमने पहले भी BCCI को इनवाइस भेजी थी, लेकिन उन्होंने बताया कि कागज में कुछ गड़बड़ी थी। सभी इनवाइस को मार्च में दोबारा भेजा गया था और जल्द ही सबकी पेमेंट हो जाएगी।"
हालांकि, खिलाड़ियों का कहना है कि पिछले साल से ही उन्हें यही आश्वासन दिया जा रहा है।
मैचफीस
ऐसी ही खिलाड़ियों की मैचफीस
खिलाड़ियों की मैचफीस अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग होती है। रणजी ट्रॉफी के एक दिन के लिए खिलाड़ी को लगभग 40 हजार रूपये मिलते हैं। 50 ओवर के मैच के लिए 25,000 और 20 ओवर के मैच के लिए 12,500 रुपये दिए जाते हैं।
अंडर-23 खिलाड़ियों को चार-दिवसीय मैच के लिए 63,000 और वनडे के लिए 17,500 रूपये दिए जाते हैं। टूर्नामेंट की समाप्ति के बाद खिलाड़ी अपने एसोसिएशन को इनवाइस सब्मिट करते हैं।