कोरोना: डॉक्टर की सलाह पर ही कराएं CT स्कैन, बढ़ सकता है कैंसर का खतरा- गुलेरिया
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में वायरस के डबल और टि्रपल म्यूटेंट के कारण विश्वसनीय RT-PCR टेस्ट में संक्रमण का पूरी तरह पता नहीं चल पा रहा है। ऐसे में अब लोग बड़ी संख्या में CT स्कैन कराने पहुंच रहे हैं। इसी बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी है कि CT स्कैन से भविष्य में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इसे डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
दूसरी लहर में RT-PCR को धोखा दे रहा है कोरोन वायरस
कोरोना वायरस को आसानी से पकड़ने की काबिलियत रखेने वाले RT-PCR टेस्ट को दूसरी लहर में वायरस ने धोखा देना शुरू कर दिया है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि दूसरी लहर में RT-PCR टेस्ट के नतीजे 20 प्रतिशत तक गलत साबित हो रहे हैं। यानी प्रत्येक पांच में एक रिपोर्ट गलत आ रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण होने के बाद भी रिपोर्ट लगातार निगेटिव आ रही है।
क्यों नाकाम साबित हो रहा है RT-PCR टेस्ट?
कोरोना वायरस को पकड़ने में RT-PCR टेस्ट के नाकाम होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसे जिस वायरस का पता लगाने के लिए डिजाइन किया था, उसने अपना रूप और व्यवहार बदल लिया है। वर्तमान में भारत में कोरोना वायरस का डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617 लोगों को संक्रमित कर रहा है। इसका निर्माण वायरस के E484Q और L452R नामक दो प्रमुख म्यूटेशन से हुआ है। ऐसे में RT-PCR टेस्ट में इसे पकड़ना मुश्किल हो गया है।
विशेषज्ञों ने दी थी CT स्कैन कराने की सलाह
RT-PCR टेस्ट में झूठी निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सा विशेषज्ञों ने लक्षण वाले लोगों को एक्स-रे और CT स्कैन कराने की सलाह दी थी। इसके बाद अधिकतर लोग RT-PCR टेस्ट कराने की जगह सीधे CT स्कैन कराने पहुंच रहे हैं।
सीने के 400 एक्स-रे के बराबर होता है एक CT स्कैन- गुलेरिया
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार लोगों में बढ़ते CT स्कैन कराने के चलन पर चिंता जताते हुए डॉ गुलेरिया ने कहा कि एक CT स्कैन सीने के 400 एक्स-रे के बराबर होता है। उन्होंने आगे कहा कि विकिरण सुरक्षा और चिकित्सा के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के डाटा के अनुसार CT स्कैन से निकलने वाली विकरणों से भविष्य में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हल्के लक्षण वाले मरीजों को CT स्कैन कराने से बचना चाहिए।
हल्के लक्षण वाले मरीजों को नहीं कराना चाहिए CT स्कैन- गुलेरिया
गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को CT स्कैन से बचना चाहिए। ऐसे मरीज होम आइसोलेशन और उपचार से ही ठीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार 40 प्रतिशत लोगों के CT स्कैन में हल्के पैच दिखाई दिए हैं, जो बिना उपचार के साफ हो गए। ऐसे में मध्यम और गंभीर मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बाद CT स्कैन करना चाहिए। इससे लोग कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
बायोमार्कर के अनावश्यक उपयोग से बढ़ता है स्वास्थ्य को खतरा- गुलेरिया
डॉ गुलेरिया ने कहा कि CRP, D-डिमर, LDH, फेरिटिन जैसे बायोमार्कर हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए ठीक नहीं हैं। इनके अधिक उपयोग से स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में कोरोना के डर से CT स्कैन पर निर्भरता को खत्म करना होगा।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,68,147 नए मामले सामने आए और 3,417 मरीजों की मौत हुई। देश में लगातार दूसरे दिन नए मामलों में कमी आई है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,99,25,604 हो गई है। इनमें से 2,18,959 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 34,13,642 हो गई है।