बजट बनाने के पीछे रहा इन लोगों का दिमाग, जानें
लोकसभा में आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया गया। देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बजट पेश किया, जिसमें सरकार ने बड़े और लोकलुभावन ऐलानों से परहेज किया। आर्थिक विशेषज्ञ बजट का विश्लेषण करने और इसके मायने समझने में लगे हुए हैं। इस बीच हम आपको उन नामों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने बजट की रूपरेखा और दिशा तय करने में अहम योगदान दिया।
सुस्त अर्थव्यवस्था के बीच पहला बजट रहा सीतारमण की चुनौती
इस सूची में पहला नाम खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का है। ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था धीमी गति से आगे बढ़ रही है और बेरोजगारी और कृषि संकट को लेकर लगातार सरकार को घेरा जा रहा है, एक अच्छा बजट बनाना सीतारमण के लिए बड़ी चुनौती था। अरुण जेटली के साथ पहले वित्त राज्य मंत्री के तौर पर काम कर चुकीं सीतारमण ने अर्थशास्त्र, राजनीति और प्रशासन के अपने ज्ञान के जरिए इस चुनौती का सामना किया।
वित्त सचिव रहे दूसरे सबसे अहम व्यक्ति
बजट के निर्माण में दूसरे अहम व्यक्ति रहे वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग। शालीन स्वभाव के गर्ग अर्थव्यवस्था से संबंधित मामलों में सख्त रुख अपनाने के लिए जाने जाते हैं। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के टकराव, जिसके कारण RBI गवर्नर उर्जित पटेल को इस्तीफा देना पड़ा, के दौरान काफी चर्चा में रहे थे। राजकोष के गणित को ध्यान में रखते हुए आमदनी और खर्च के बीच तालमेल बिठाना उनके लिए बड़ी चुनौती था।
मुख्य आर्थिक सलाहकार का योगदान भी कम नहीं
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन बजट की रूपरेखा तय करने में एक बड़ा नाम रहे हैं। एक दिन पहले ही संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था, जो उनका पहला आर्थिक सर्वेक्षण था। इसमें इस साल भारत की GDP विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। बेरोजगारी और कृषि संकट के बीच इस लक्ष्य को पूरा करना सुब्रमण्यन और सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगा।
आधार पर मोदी सरकार का चेहरा राजस्व सचिव का भी अहम योगदान
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे बजट बनाने में चौथा बड़ा नाम हैं। तीन दशक के प्रशासनिक अनुभव वाले पांडे IIT कानपुर से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं और उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से कंप्यूटर साइंस में PhD हासिल की है। वह आधार व्यवस्था की वकालत में मोदी सरकार का चेहरा रहे हैं। वह UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं और GST रिटर्न का काम संभालने वाली कंपनी GSTN के चेयरमैन हैं।
इन पर अतिरिक्त राजस्व पैदा करने की अहम जिम्मेदारी
इस सूची में आखिरी नाम है DIPAM सचिव अतनू चक्रवर्ती का। उनके ऊपर राजकोषीय रूप से कठिन साल में सरकार के लिए अतिरिक्त राजस्व पैदा करने का भार है। रेल विकास निगम लिमिटेड के शेयरों और शत्रु संपत्ति शेयर ब्रिकी के जरिए उनका विभाग इस साल अभी तक 2357 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा करने में कामयाब रहा है। सरकार के पास पैसे की कमी के बीच उनका रोल बेहद अहम है।