केंद्र सरकार ने फिर कहा- राष्ट्रीय स्तर पर NRC कराने पर अभी तक कोई फैसला नहीं
केंद्र सरकार ने एक बार फिर से दोहराया है कि उसने राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) कराने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) और जनगणना से संबंधित आशंका के मुद्दे पर संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने ये बात कही है। सरकार ने जनगणना और NPR से संबंधित अफवाहों से निपटने के लिए सही तरह से संवाद करने की बात भी कही है।
समिति ने पिछले साल फरवरी में दिए थे सरकार को सुझाव
पिछले साल नागरिका संशोधन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के बीच कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति ने कहा था कि NPR और जनगणना को लेकर लोगों में बहुत असंतोष और भय है। इस भय को दूर करने के लिए समिति ने कुछ सुझाव भी दिए थे और उसके इन सुझावों पर क्या कार्रवाई की गई, सरकार ने इससे संबंधित रिपोर्ट मंगलवार को राज्यसभा में पेश की।
सरकार ने कहा- अभी तक NRC पर कोई फैसला नहीं
अपने जवाब में सरकार ने कहा है, "सरकार के विभिन्न स्तरों पर समय-समय पर ये साफ किया जा चुका है कि अभी तक NRC बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।" सरकार ने आगे कहा है, "NPR पर स्पष्ट और सही संदेश देने के लिए 360 डिग्री दृष्टिकोण के साथ योजना बनाई गई है। सोशल मीडिया, AV, डिजिटल, आउटडोर और प्रिंट समेत सभी तरह की मीडिया और लोगों के जरिए प्रचार इस योजना का हिस्सा हैं।"
जनगणना और NPR को अगले आदेश तक टाला गया- सरकार
अपने जवाब में सरकार ने आगे कहा, "NPR और जनगणना, 2021 से संबंधित सभी तरह की अफवाहों और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए उचित तरीके की मैसेजिंग की जाएगी। हालांकि कोविड-19 महामारी को देखते हुए जनगणना, 2021 और NPR के नवीनीकरण के प्रथम चरण और इससे संबंधित अन्य गतिविधियों को अगले आदेश तक टाल दिया गया है।" अपने जवाब में सरकार ने आधार और NPR को दो अलग-अलग प्रक्रिया भी बताया हैै जिसमें NPR में ज्यादा सूचनाएं होती हैं।
क्या हैं NRC और NPR?
NRC एक डिजिटल रजिस्टर है जिसमें देश के सभी नागरिकों के नाम और उनकी भौगोलिक जानकारियां होती हैं। अभी तक केवल असम में NRC किया गया है और राष्ट्रीय स्तर पर यह रजिस्टर बनाया जाना बाकी है। वहीं NPR के तहत देश में रह रहे निवासियों की एक सूची तैयार की जाएगी और उनसे संबंधित जानकारियां इकट्ठा की जाएंगी। NPR को NRC की तरफ पहला कदम माना जाता है और इसके डाटा का इस्तेमाल NRC में किय़ा जाता है।
आलोचकों ने CAA-NRC को बताया था मुस्लिमों को नागरिकता से वंचित करने की साजिश
पिछले साल की शुरूआत में CAA के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान NRC और NPR पर भी सवाल उठे थे। आलोचकों ने कहा था कि जिन लोगों के पास उचित दस्तावेज नहीं होंगे, वे NRC में खुद को भारतीय नागरिक साबित नहीं कर पाएंगे और उन्हें घुसपैठियां करार दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि CAA के जरिए NRC से बाहर हुए हिंदुओं को तो नागरिकता दे दी जाएगी, लेकिन मुस्लिमों को इससे वंचित कर दिया जाएगा।
आंदोलन के कारण सरकार को हटना पड़ा था पीछे
CAA-NRC विरोधी इस आंदोलन के कारण सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर NRC कराने की अपनी योजना को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था और वह तब से कई बार NRC कराने की कोई योजना न होने की बात कह चुकी है।