अडाणी समूह को झटका, पश्चिम बंगाल सरकार ने ताजपुर बंदरगाह को लेकर प्रारंभिक समझौता रद्द किया
अडाणी समूह की परेशानियों कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब पश्चिम बंगाल की एक बड़ी बंदरगाह परियोजना उसके हाथ से निकल सकती है। दरअसल, ताजपुर में गहरे समुद्री बंदरगाह के विकास के लिए पश्चिम बंगाल सरकार अब नए सिरे से बोलियां मंगवाएगी। पहले इस काम के लिए अडाणी समूह के साथ प्रांरभिक समझौता किया गया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। यह परियोजना 25,000 करोड़ रुपये की बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया ऐलान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन (BGBS) के दौरान कहा कि सरकार 25,000 करोड़ रुपये के ताजपुर गहरे समुद्री बंदरगाह परियोजना के लिए नई बोलियां मंगवाने के लिए निविदा प्रक्रिया को फिर से खोलगी। बनर्जी ने कहा, "ताजपुर में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना तैयार है। आप सभी निविदा में भाग ले सकते हैं। यह लगभग 25,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगी।"
पिछले साल अडाणी समूह को मिला था LoI
इस परियोजना के लिए अक्टूबर, 2022 में अडाणी समूह को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) सौंपा गया था। अडाणी समूह की कंपनी अडाणी पोर्ट्स ने इसके लिए सबसे कम राशि की बोली लगाई थी। इससे 2 महीने पहले हुए BGBS में गौतम अडाणी भी शामिल हुए थे और उन्होंने राज्य में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया था। इस साल के सम्मेलन में अडाणी समूह की ओर से कोई भी शामिल नहीं हुआ है।
फैसले के पीछे क्या है वजह?
फैसले के पीछे तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा के अडाणी समूह को लेकर लोकसभा में सवाल पूछने वाले मामले को वजह माना जा रहा है। महुआ पर रिश्वत लेकर संसद में अडाणी समूह से जुड़े सवाल पूछने के आरोप हैं। इस मामले पर महुआ की सांसदी पर खतरा मंडरा रहा है। महुआ को ममता का बेहद करीबी माना जाता है। महुआ का आरोप है कि अडाणी के खिलाफ सवाल उठाने के लिए उन्हें घेरा जा रहा है।
क्या है ताजपुर बंदरगाह परियोजना?
ताजपुर बंदरगाह बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले में बनाया जाना है। यह बंगाल की खाड़ी के तट पर बनाया जाएगा, जो कोलकाता से 170, औद्योगिक शहर आसनसोल से 380 और हल्दिया से 100 किलोमीटर दूर होगा। दरअसल, बंगाल के वर्तमान बंदरगाह उथले हैं, इस वजह से वहां बड़े जहाज नहीं जा सकते। इसी कारण ताजपुर में गहरे पानी का बंदरगाह बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इससे प्रत्यक्ष रूप से 25,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।