बंगाल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया महंगाई भत्ता बढ़ाने से इनकार, कहा- मेरा सिट काट लो...
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे राज्य के सरकारी कर्मचारियों को दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास और अधिक महंगाई भत्ता देने के लिए रुपये नहीं हैं और प्रदर्शनकारी अगर उनका सिर भी काट लें, तब भी और महंगाई भत्ता नहीं दिया जा सकता। राज्य में विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग कर रही हैं।
ममता ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ममता ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "राज्य कर्मचारियों को 105 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। हमारी सरकार के पास और महंगाई भत्ता देने के लिए फंड नहीं है। हम ने 3 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता देने की घोषणा की है। आप और कितने में संतुष्ट होंगे? यदि आप इससे संतुष्ट नहीं हैं तो मेरा सिर काटकर ले लीजिए, लेकिन इससे अधिक महंगाई भत्ता नहीं दिया जा सकता है।"
बंगाल में दिया गया 1.79 लाख करोड़ रुपये का महंगाई भत्ता- ममता
ममता ने आगे कहा, "केंद्र सरकार और राज्य सरकार के वेतनमान अलग-अलग हैं। आज भाजपा, कांग्रेस और CPI(M) एक साथ आ गए हैं। कौन सी राज्य सरकार वेतन के साथ इतनी छुट्टियां देती है?" उन्होंने आगे कहा, "पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 1.79 लाख करोड़ रुपये का महंगाई भत्ता दिया है। हमारे पास एक वर्ष में 40 दिन का वेतन अवकाश है। आप केंद्र सरकार से इसकी तुलना क्यों कर रहे हैं?"
पश्चिम बंगाल सरकार ने की थी 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया था। इसी दौरान उन्होंने मार्च से शिक्षकों और पेंशनरों समेत अन्य सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की थी। सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद 1 मार्च, 2023 से कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके मूल वेतन के 6 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता देने की अधिसूचना जारी की थी।
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार- सुवेंदु
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने महंगाई भत्ते के मामले पर पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है और राज्य सरकार को इसे देना ही होगा। उन्होंने सरकार पर दिवालिया होने का भी आरोप लगाया। गौरतलब है कि सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता बढ़ाने को लेकर पिछले 40 दिनों से कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में प्रदर्शन कर रहे हैं।
क्या होता है महंगाई भत्ता?
जब बढ़ती महंगाई के कारण वस्तुओं के दाम बढ़ते जाते हैं तो लोगों के पास मौजूद पैसे की क्रय क्षमता यानि वैल्यू कम होने लगती है। इस महंगाई से राहत देने के लिए सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है, ताकि लोग बढ़ते हुए खर्चों का सामना कर सकें और जरूरत की चीजों की कीमत बढ़ने के बावजूद भी उनकी जेब पर अतिरिक्त खर्च न आए। राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार की तर्ज पर भत्ता बढ़ाती हैं।
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