असम में भारी बारिश और बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत, 20,000 लोग प्रभावित
इस समय देश के अधिकतर हिस्सों में लोग भीषण गर्मी और हीटवेव (गर्म हवाएं) से जूझ रहे हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में हालात बेकाबू नजर आ रहे हैं। इसी बीच असम में अचानक आए मौसम में बदलाव ने लोगों की जिंदगी छीन ली। राज्य के कई जिलों में शुक्रवार को तेज तूफान के साथ आई बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो गई और 20,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
तूफान और तेज बारिश के साथ गिरी बिजली
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अप्रैल से 15 अप्रैल की रात 8 बजे तक राज्य के गोलपारा, बारपेटा, डिब्रूगढ़, कामरूप (मेट्रो), नलबाड़ी जिलों में तेज तूफान और भारी बारिश ने कोहराम मचा दिया। इस दौरान कई जगहों पर गिरी बिजली ने कोढ़ में खाज का काम किया। तूफान और बारिश के कारण घटित हुए हादसों के चलते पांचों जिलों में दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई।
डिब्रूगढ़ में हुई सबसे अधिक चार लोगों की मौत
ASDMA की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अप्रैल को गोलपाड़ा जिले में बिजली गिरने से 15 वर्षीय नाबालिग और 15 अप्रैल को डिब्रूगढ़ जिले के टिंगखोंग में पेड़ गिरने से एक बच्चे सहित चार लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा बारपेटा और तिनकसुनिया में आंधी, तूफान और तेज बारिश के कारण तीन-तीन लोगों की मौत दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बारिश और तूफान के कारण इन जिलों के 592 गांवों के कुल 20,286 लोग प्रभावित हुए हैं।
भीषण तूफान की चपेट में आए ये गांव
ASDMA की रिपोर्ट के अनुसार, असम में चिरांग, दरांग, कछार, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग, उदलगुरी, कामरूप जिले भीषण तूफान की चपेट में आए हैं। तूफान के कारण सैकड़ों लोगों के कच्चे घर धराशाही हो गए। इसी तरह सैकड़ों मवेशियों की भी मौत हुई है।
853 कच्चे घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त
ASDMA की रिपोर्ट में कहा गया है कि दो दिनों में तूफान और बारिश के कारण 592 गांवों में 853 कच्चे घर और 27 पक्के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इसी तरह 5,809 कच्चे घर और 655 पक्के घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 12 जिलों के 34 अन्य संस्थान भी भारी बारिश और भीषण तूफान से प्रभावित हुए हैं। इससे सैकड़ों लोगों को बेघर होना पड़ा है।
बारिश और तूफान से प्रभावित लोगों ने की मदद की गुहार
बारिश और तूफान के कारण प्रभावित हुए लोगों ने प्रशासन ने मदद की गुहार लगाई है। लोगों का कहना था कि प्राकृतिक आपदा पर उनका बस नहीं चलता है। ऐसे में इससे उसे नुकसान को लेकर प्रशासन को मुआवजा देने की प्रक्रिया अपनानी चाहिए। इसी तरह जो लोग बेघर हुए हैं, उनके रहने और खाने की भी व्यवस्था करनी चाहिए। इधर, असम सरकार ने बारिश और तूफान से प्रभावित लोगों की मदद का आश्वासन दिया है।