कोरोना वायरस: विशेषज्ञों ने चेताया, भारत में जून-जुलाई में बहुत बढ़ सकते हैं मामले
लॉकडाउन के चौथे चरण में पहले की तुलना में अधिक ढील दिए जाने के बाद से भारत में संक्रमितों की संख्या में प्रतिदिन रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हो रही है। हालत यह है कि भारत सोमवार को 1,38,845 संक्रमितों की संख्या के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में 10वें स्थान पर पहुंच गया है। अब विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है कि जून में देश में संक्रमण की रफ्तार और बढ़ेगी तथा जुलाई में देश पीक पर पहुंच सकता है।
अध्ययन के आधार पर महामारी विशेषज्ञ ने दी चेतावनी
बिहार में केयर (CARE) इंडिया के टीम लीडर और महामारी विशेषज्ञ तन्मय महापात्रा ने न्यूज 18 को बताया कि संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय और भी चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि पहले भी कई विशेषज्ञों ने इसको लेकर अध्ययन किया है। इससे साफ होता है कि जून में अप्रैल के मुकाबले स्थिति ज्यादा खराब होगी और जुलाई में भारत संक्रमितों के मामले में शीर्ष पर पहुंच सकता है।
रेंडम टेस्टिंग करने की दी सलाह
महापात्रा ने संक्रमण की रफ्तार पर नियंत्रण करने के लिए उन इलाकों में रेंडम टेस्टिंग करने की सलाह दी है, जहां अभी तक संपर्क के जरिए संक्रमण फैलने की कम शिकायतें आई है और जहां इसकी स्थिति को समझने में समस्या आ रही हो।
जुलाई में 21 लाख तक पहुंच सकती है संक्रमितों की संख्या
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस संबंध में यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन में बॉयोस्टैटिस्टिक्स और महामारी रोग विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर भ्रमर मुखर्जी से भी बात की है। इसमें मुखर्जी ने कहा है कि भारत में संक्रमण की रफ्तार फिलहाल कम नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भारत में जुलाई की शुरुआत तक 6.30 लाख से 21 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। यह स्थिति देश के लिए बड़ी परेशानी वाली साबित हो सकती है।
महापात्रा ने दी कंटेनमेंट जोन और हॉटस्पॉट इलाकों को छोटा करने की सलाह
महापात्रा ने सलाह दी कि कंटेनमेंट जोन और हॉटस्पॉट इलाकों को छोटा किया जाना चाहिए। इससे लोगों पर नजर रखना आसान होगा। उन्होंने हाल ही में बढ़ी संक्रमितों की संख्या के पीछे जांच में बढ़ोत्तरी को भी कारण बताया है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में लंबे समय तक लॉकडाउन जारी नहीं रखा जा सकता है। लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जाना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं लोगों को पूरी आजादी दे दी जाए।
ईरान जैसी हो सकती है भारत की भी स्थिति
भारत में लॉकडाउन में ढील देने के बाद से मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। यह एक चेतावनी है कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से ही खोला जाना चाहिए। अप्रैल के अंत में ईरान ने संक्रमितों की औसत संख्या प्रतिदिन 1,000 पर आने के बाद अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से खोलना शुरू कर दिया था, लेकिन मई में वहां मामलों में अचानक बढ़ोत्तरी होने लग गई। ऐसे में भारत की स्थिति भी ईरान जैसी हो सकती है।
अन्य देशों ने भी लॉकडाउन में ढील के बाद बढ़े मामले
कई यूरोपीय देशों में लॉकडाउन में ढील देने के बाद संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े थे। दक्षिण कोरिया ने बार और क्लबों को खोला तो मामले बढ़ गए और चीन के वुहान शहर में भी लॉकडाउन खत्म होने के बाद नए मामले सामने आए।
सिंगापुर मॉडल हो सकता है कारगर साबित
प्रोफ़ेसर भ्रमर मुखर्जी के अनुसार देश में सिंगापुर मॉडल कारगर साबित हो सकता है। वहां संक्रमित को सरकार की ओर से 100 सिंगापुर डॉलर (लगभग 5,000 रुपये) प्रति दिन के हिसाब से क्वारंटीन अलाउंस दिया जाता है। इससे लोग टेस्ट कराने से नहीं डरते हैं और उन्हें आइसोलेशन में रहने में दिक्कत नहीं होती। वर्तमान में भारत में लोग रोजगार के कारण टेस्ट कराने से डरते हैं। यदि सिंगापुर मॉडल लागू कर दिया जाए तो राहत मिल सकती है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 6,977 नए मरीज सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या 1,38,845 हो गई है। इसी तरह 154 नए लोगों की मौत होने से संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 4,021 हो गया है। वर्तमान में 77,103 लोगों का इलाज चल रहा है और 57,720 लोग उपचार के बाद ठीक हो गए हैं। देश में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या महाराष्ट्र में 50,000 के पार पहुंच गई है।