मणिपुर: करीब 1,200 महिलाओं ने सुरक्षाबलों को घेरा, मजबूरी में सेना को छोड़ने पड़े 12 उग्रवादी
मणिपुर में हिंसक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए शनिवार को सेना ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान मैतेई उग्रवादी समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 उग्रवादी सेना के हत्थे चढ़ गए। सेना इन्हें गिरफ्तार कर लाती, इससे पहले ही करीब 1,200 महिलाओं ने सुरक्षाबलों का रास्ता रोक लिया। मजबूरी में सेना को सभी उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा और तलाशी अभियान रोकते हुए केवल हथियार लेकर वापस लौट आई।
क्या है पूरा मामला?
भारतीय सेना के मुताबिक, सूचना मिली थी कि KYKL के करीब एक दर्जन उग्रवादी इथम गांव में छिपे हुए हैं। इनमें समूह का लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तंबा उर्फ उत्तम भी शामिल था। तंबा साल 2015 में सुरक्षाबलों पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 18 जवानों की मौत हुई थी। सूचना मिलने के बाद सेना ने शनिवार को तलाशी अभियान चलाया, जिसमें सभी उग्रवादी सेना के हत्थे चढ़ गए और इनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ।
करीब 1,200 महिलाओं ने जवानों को घेर लिया
उग्रवादियों के हिरासत में लिए जाने के बाद ही गांव की करीब 1,200 से 1,500 महिलाओं इकट्ठी हो गई और जवानों को घेर लिया। सुरक्षाबलों ने भीड़ से ऐसा न करने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। सेना की ओर से अगर कार्रवाई की जाती तो कई लोगों को खतरा हो सकता था, इसलिए सेना ने सभी 12 उग्रवादियों को छोड़ दिया और केवल हथियार जब्त कर वापस लौट आई।
मणिपुर मामले पर हुई सर्वदलीय बैठक
मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा करने के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सर्वदलीय बैठक की। इसमें भाजपा समेत कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ-साथ गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के बाद कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को तत्काल प्रभाव से हटाने समेत 8 मांगें कीं। कुछ पार्टियों ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।
मणिपुर में क्यों हो रही है हिंसा?
दरअसल, मणिपुर हाई कोर्ट ने मणिपुर सरकार से गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की याचिका पर विचार करने को कहा था। इसका कुकी आदिवासियों ने विरोध किया और उनकी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को हिंसा भड़क गई थी। उसके बाद से ही मणिपुर में हिंसा में अब तक 100 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। यहां लगातार अलग-अलग इलाकों में हिंसा और गोलबारी की घटनाएं जारी हैं।