रोजाना 10 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन देने को तैयार अपोलो, सरकार से निर्देशों का इंतजार
देश में तीन कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। मंजूरी मिलने के कुछ ही दिनों में लोगों को वैक्सीन की खुराक देने का काम शुरू हो जाएगा। सरकार इसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप में देने में जुटी हुई है। इसी बीच देश में अस्पतालों की सबसे बड़ी चेन चलाने वाली कंपनी अपोलो हॉस्पिटल एंटप्राइज लिमिटेड का कहना है कि वह एक दिन में 10 लाख लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन देने को तैयार है।
कंपनी की सरकार से जारी है बातचीत
अपोलो की मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीता रेड्डी ने कहा कि वो वैक्सीनेशन लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। अभी तक सरकार ने यह नहीं बताया है कि वैक्सीनेशन का वितरण कैसे होगा और क्या निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि उसने अपने 6,000 कर्मचारियों को वैक्सीन की खुराक देने के लिए ट्रेनिंग दी है।
अकेले सरकार को लग सकता है लंबा समय- रेड्डी
रेड्डी ने एक इंटरव्यू में कहा कि अभी तक यह पता नहीं है कि सरकार यह पूरा काम अकेले संभालेगी या निजी क्षेत्र को इसमें शामिल करेंगी। मुद्दा यह है कि वैक्सीन की खुराक लेने वाले लोगों की संख्या को कैसे बढ़ाकर दोगुना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार अकेले भी यह काम कर सकती है, लेकिन इसमें समय लगेगा। ऐसे में उनकी कंपनी हर तरह से सरकार की मदद करने को तैयार है।
SII से भी बात कर चुकी है अपोलो
अपोलो ने वैक्सीन को लेकर पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से भी बातचीत की थी। रेड्डी ने कहा कि SII अभी सरकार से निर्देशों का इंतजार कर रही है। वो पहले सरकार को वैक्सीन की आपूर्ति करेंगे। गौरतलब है कि SII भारत में एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के इंसानी ट्रायल कर रही है। इसके अलावा SII ही भारत और कई दूसरे विकासशील देशों के लिए इस वैक्सीन का उत्पादन करेगी।
60-120 दिनों मे आ जाएगी कोरोना वैक्सीन- अपोलो
अपोलो अपनी ऐप के जरिये अपने ग्राहकों को लगातार कोरोना वैक्सीन को लेकर जानकारी दे रही है। कंपनी का कहना है कि 60-120 दिनों में कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। इसके अलावा अपोलो अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों की इलाज भी चल रहा है।
सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर क्या कहा है?
अभी तक सरकार की तरफ से वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया की जानकारी का इंतजार है। हालांकि, पिछले महीने स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण नेटवर्क के जरिये वैक्सीन का वितरण करेगा। इसके तहत हर साल 2.67 करोड़ शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है। वहीं जानकारों का कहना है कि सरकार को वैक्सीन वितरण के लिए निजी स्वास्थ्य सेवाओं का सहारा लेने की जरूरत पड़ेगी।
भारत में कब आ सकती है वैक्सीन?
फाइजर, भारत बायोटेक और SII ने भारत में अपनी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया है। नियामक संस्था ने इन कंपनियों से अभी और आंकड़ों की मांग की है। उम्मीद जताई जा रही है कि जनवरी के अंत तक भारत में एक से अधिक वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई अपने अंतिम दौर में पहुंचती नजर आ रही है।