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RBI को अर्थव्यवस्था में तेज सुधार की उम्मीद, -7.5 प्रतिशत रह सकती है सालाना विकास दर

RBI को अर्थव्यवस्था में तेज सुधार की उम्मीद, -7.5 प्रतिशत रह सकती है सालाना विकास दर

Dec 04, 2020
01:41 pm

क्या है खबर?

अर्थव्यवस्था में उम्मीद से अधिक तेजी से सुधार की संभावना जताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2020-21 वित्त वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर माइनस 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इससे पहले अक्टूबर में RBI ने इसके माइनस 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की एक बैठक के बाद ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी।

बयान

दूसरी छिमाही में सकारात्मक रह सकती है विकास दर- RBI

2020-21 की दूसरी छिमाही में सकारात्मक विकास दर की उम्मीद जताते हुए RBI गवर्नर ने कहा कि ये अनुमान अर्थव्यवस्था में आई हल्की तेजी और पांचवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक में अपनाई गई समायोजनकारी नीतियों के आधार पर जताया गया है।

अन्य फैसले

प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं

RBI गवर्नर दास ने कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के कारण प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान भी किया और रेपो दर 4 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी। ये लगातार तीसरी बार है जब RBI ने रेपो दर में बदलाव नहीं किया है और अगले कुछ समय तक RBI इसी रणनीति पर चल सकती है। कई आर्थिक विशेषज्ञों ने भी रेपो दर में बदलाव नहीं किए जाने का अनुमान लगाया था।

अप्रैल-जून

पहली तिमाही में देखी गई थी ऐतिहासिक गिरावट

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत GDP में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। जब से देश में GDP के आंकड़े इकट्ठा होना शुरू हुए हैं, ये अब तक की सबसे कम विकास दर थी और 1991-92 में आर्थिक उदारीकरण के बाद देश की विकास दर पहली बार नेगेटिव में गई थी।

जुलाई-सितंबर

पिछली तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही विकास दर

इसके बाद पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) में अर्थव्यवस्था में सुधार आया था और अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी के साथ भारत तकनीकी रूप से आर्थिक मंदी में चला गया था। बता दें कि लगातार दो तिमाहियों में विकास दर नकारात्मक रहने की स्थिति को मंदी कहा जाता है। हालांकि विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत तक की गिरावट का अनुमान लगाया था, लेकिन लॉकडाउन हटने के बाद पाबंदियों में ढील के बाद तेजी से सुधार हुआ।

उछाल

कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आया उछाल

दूसरी तिमाही में कृषि, मत्स्यपालन और वानिकी के क्षेत्र की रफ्तार तेज हुई है। आंकड़ों के अनुसार इस तिमाही में कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक 3.4 प्रतिशत और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 0.6 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है। इसके उलट कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 8.6 प्रतिशत, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 15.6 प्रतिशत, फाइनेंस, रियल एस्टेट सेक्टर में 8.1 प्रतिशत और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस सेक्टर में 12.1 प्रतिशत की गिरावट आई है।